*Image credit: IPRD

मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने राज्य में सड़क सुरक्षा के नियमों को कड़ाई से पालन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय की कमिटि की सिफारिशों और निर्देशों के अनुपालन पर बल दिया। वह प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में सड़क सुरक्षा पर उच्चतम न्यायालय की कमिटि के निर्देशों के अनुपालन की अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने पर बल दिया। उन्होंने इसे स्कूल स्तर से करने को कहा। इसके लिए सुझाव दिए गए कि स्कूलों में शिक्षकों के माध्यम से तथा फलैक्स बगैरह के जरिये विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों से अवगत कराया जाए। समीक्षा के दौरान सड़क हादसे के प्रमुख कारणों में वाहनों की तेज गति, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाना, नशे में तथा मोबाइल पर बाते करते वाहन चलाना उभर कर सामने आया। मुख्य सचिव ने इलाकावार निर्धारित गति सीमा को डिसप्ले करने का निर्देश दिया। साथ ही गति सीमा को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। समीक्षा के दौरान बताया गया कि राज्य के नौ ट्रैफिक जिलों में तकनीक का उपयोग कर सड़क सुरक्षा को बेहतर करने की कवायद जारी है। रांची में 83 फीसदी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। 

मुख्य सचिव ने सड़क हादसों के दौरान फौरी सहायता और घायलों के इलाज के लिए निर्धारित ट्रामा सेंटरों को बेहतर करने पर बल दिया। गढ़वा के नगर उंटारी तथा बहरागोड़ा में ट्रामा सेंटर को प्राइवेट अस्पतालों से टाइअप कर जोड़ने का निर्देश दिया। सड़क सुरक्षा को लेकर चल रहे प्रयास के संदर्भ में बताया गया कि पहले से दुर्घटना की दर घटी है तथा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करनेवालों से ली जानेवाली जुर्माना की राशि बढ़ी है। यह भी बताया गया कि राज्य के 146 वैसे स्थानों (ब्लैक प्वायंट) को चिह्नित कर सड़क सुरक्षा को पुख्ता किया जा रहा है, जहां दुर्घटना की आशंका सर्वाधिक होती है।
 

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