Photo: IPRD

राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन सचिवालय सभागार में अनुसूचित जाति से जुड़े मसले की राज्यस्तरीय समीक्षा की गई। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने आयोग के द्वारा उठाए गए मसलों पर विन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस जनजातियों के समेकित विकास पर है। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। स्वच्छता अभियान, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, जन-धन योजना और इंद्रधनुष जैसी योजनाओं से जनजाति समुदाय को सौ फीसदी अच्छादित किया जा रहा है। आयोग की टीम में उपाध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे। वहीं विभिन्न विभागों के सचिव भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने आयोग की चिंता दूर करते हुए जानकारी दी कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर वर्तमान में स्थानीय लोगों की ही नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने सिंगल विंडो माध्यम से जमीन अधिग्रहण में पेसा कानून के उल्लंघन को दुष्प्रचार करार देते हुए जानकारी दी कि सरकार ने राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में स्थानीय स्तर पर सारी विधिक प्रक्रिया अपना कर मामूली संशोधन किया है। उसमें सिर्फ सरकारी योजनाओं के लिए त्वरित प्रक्रिया से भूमि अधिग्रहण का प्रावधान किया गया है। उसमें भी ग्राम सभा की सहमति लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण की स्थिति में भूमिहीन बने लोगों के जाति प्रमाण पत्र आदि बनाने में आनेवाली दिक्कत के समाधान का भी प्रावधान किया गया है। जनजातीय बहुल इलाके में पारंपरिक ग्राम सभा को सशक्त बनाने के लिए ग्राम प्रधानों को सरकार ने मानदेय देने की व्यवस्था की है। 20 हजार टाना भगतों के समेकित विकास के लिए टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन किया गया है। 
आयोग द्वारा ऑनलाइन जमीन प्रबंधन में कतिपय अनियमितता की शिकायत पर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन से पारदर्शिता आई है। जमीन का फर्जीवाड़ा और गलत विचलन पर अंकुश लगा है।

पत्थलगड़ी के दौरान संविधान विरोधी हरकतों पर प्रशासनिक कार्रवाई की विस्तृत जानकारी आयोग को देते हुए मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि विधि-व्यवस्था को जो भी चुनौती देगा, उससे प्रशासन कड़ाई से निबटेगा। आयोग की उपाध्यक्ष ने बदले हुए हालात में अब संवेदनशीलता और मानवीयता को ध्यान में रखने का निर्देश दिया। रांची में बंद के दौरान आदिवासी छात्रों पर लाठीचार्ज और महिला छात्रावास में पुलिस के घुसने के आयोग के सवाल पर उस समय की परिस्थिति को विस्तार से बताया गया। वहीं खूंटी जिले के कतिपय स्कूल भवनों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पुलिस के कब्जा के बाबत बताया गया कि उसे जल्द ही खाली कर दिया जाएगा। एससी-एसटी थानों में मामला दर्ज करने से इंकार के एक सवाल पर आयोग को बताया गया कि केस दर्ज हो रहे हैं और कार्रवाई भी की जा रही है। सिर्फ इस वर्ष 181 मामले दर्ज किये गए और उनमें से 64 फीसदी पर कार्रवाई भी हुई। गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि एससी-एसटी थानों में मामला दर्ज होने से लेकर कार्रवाई तक की हर माह समीक्षा भी की जाती है। 
 

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