* फोटो सौजन्य आईपीआरडी, झारखंड

झारखंड भारतीय रेल को काफी राजस्व देता है, लेकिन उसके मुकाबले राज्य को सुविधा नहीं मिल पा रही है। न तो डिब्बे अच्छे हैं और न ही सुविधाएं अच्छी हैं। इसमें सुधार होना चाहिए। झारखंड में रेलवे के तीन जोन पड़ते हैं। इससे काम की गति धीमी है। राज्य में चल रहे रेलवे से संबंधित कार्यों में तेजी लाने के लिए यहां जोनल कार्यालय खोलना जरूरी है। जब तक जोनल कार्यालय नहीं खुल जाता है, तबतक किसी वरीय अधिकारी को नोडल अधिकारी बना कर रांची में पदास्थापित करें, जो तीनों जोन को साथ समन्वय बनाकर समयबद्ध तरीके से काम को पूर्ण करायें। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। रघुवर दास रेलवे बोर्ड के चैयरमैन अश्विनी लोहानी के साथ राज्य में चल रही रेल परियोजनाओं के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो कार्य चल रहे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए समय निर्धारित कर काम करें। हर तीन माह में प्रगति की समीक्षा हो। इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भी भेजें। राज्य सरकार हर प्रकार के सहयोग के लिए तैयार है। राज्य में बुजूर्गों के लिए तीर्थ दर्शन योजना और छात्रों को लिए शैक्षणिक भ्रमण योजना चलायी जा रही है। इसके लिए आइआरसीटीसी का भी कार्यालय राज्य में खोला जाये। किसी परियोजना की मंजूरी के लिए दो साल का समय लग रहा है। इस प्रोसेस को तेज करने के संबंध में रिफार्म करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नामकुम-कांड्रा के काम में तेजी लायें। इससे इस क्षेत्र की जनता को काफी लाभ मिलेगा, रेलवे को भी काफी रेवेन्यू मिलेगा। पारसनाथ जैन धर्मावलबिंयों के लिए काफी पवित्र स्थान है। यहां दुनिया भर से लोग आते हैं। स्थानीय लोग भी काफी समय से रेल की मांग कर रहे हैं। लोगों की सुविधा के लिए गिरिडीह-पारसनाथ-मधुबन के काम में तेजी लायें। धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के बंद होने के बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। जल्द से जल्द वैकल्पिक रेल लाइन का निर्माण शुरू करें। गोड्डा-पाकुड़ व चितरा-बासुकीनाथ के लिए भी काम जल्द शुरू करें। टोरी-चतरा रेल लाइन का काम तेजी से पूर्ण करने के लिए समयसीमा निर्धारित करें। बड़काककाना से रांची रेल लाइन के काम में भी तेजी लाने की जरूरत है। रेल अधिकारियों ने बताया कि इसमें केवल 19 किमी का काम बचा है, जिसे तेजी से पूरा किया जा रहा है। मार्च 2019 तक इसे चालू कर दिया जायेगा। रघुवर दास ने कहा कि धनबाद से रेलवे को काफी राजस्व मिलता है, लेकिन वहां नागरिक सुविधाओं को काफी अभाव है। वहां गया ब्रिज के ऊपर एक फ्लाईओवर बनाने की मांग काफी समय से चल रही है। इसे रेलवे जल्द मंजूर कर पूर्ण करें। इससे धनबाद में जाम की समस्या समाप्त हो जायेगी। शहर मे यातायात अनुशासन भी आयेगा। लोगों को राहत मिलेगी। इसे भी मार्च 2019 तक पूर्ण करें। 

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उन्होंने कहा कि राज्य में 44 ओवरब्रिजों के निर्माण को मंजूरी मिली है। राज्य सरकार ने अपने अंशदान को स्वीकृति प्रदान कर दी है। रेलवे प्रक्रिया में तेजी लाकर इनका निर्माण पूरा करें। जमशेदपुर में बननेवाले रेल ओवरब्रिज का निर्माण जल्द शुरू करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री नयी दिल्ली जाते हैं। रांची-राजधानी को प्रतिदिन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार हटिया-मुंबई ट्रेन एलटीटीइ एक्सप्रेस को भी रोजना किया जाये। पुरी से नयी दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को जोधपुर तक विस्तारित किया जाये। रांची- लखनऊ के लिए रेल परिचालन शुरू करने की भी मांग की। इसके साथ ही जमशेदपुर से अमृतसर के बीच चलनेवाली जलियावाला बाग एक्सप्रेस व हटिया-एरनाकुलम धरती आबा एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने को कहा। झारखंड में चल रही ट्रेनों में भोजन की क्वालिटी में सुधार लाया जाये। उनकी मांगों पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि झारखंड को प्राथमिकता दी जायेगी। डिब्बों की क्वालिटी में सुधार किया जायेगा। राज्य में चल रही रेल परियोजनाओं के काम में तेजी लायी जायेगी। हर तीन माह पर इसकी प्रगति रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव अमित खरे, गृह सचिव एसकेजी रहाटे, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव केके खंडेलवाल, पथ सचिव एमआर मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, दक्षिण पूर्व रेलवे के महा प्रबंधक एस0एन0 अग्रवाल, डीआरएम रांची वीके गुप्ता, सीएओ बी चौधरी, एडीआरएम रांची विजय कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
 

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