Governor Syed Ahmad has underlined the need to provide security to women and girl child and said that he was alert and sensitive toward it.

A press release issued by the Raj Bhawan’s Kranti Kant says as follows:

महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि राज्य की महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति वे अत्यन्त सजग एवं संवेदनषील हैं, वह उनका स्वास्थ्य का विषय हो अथवा षिक्षा एवं सुरक्षा सुलभ कराने के संबंध में। उन्होंने कहा है कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु प्रषासन को विषेष ध्यान देने का निदेष दिया गया है। राज्य में मानव तस्करी को रोकने की दिषा में गंभीरतापूर्वक प्रयासरत हैं।

उन्होंने कहा है कि उन्हें जब ज्ञात हुआ कि हमारे राज्य की लड़कियों को नौकरी अथवा किसी कार्य के बहाने बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया जाता है और उनका शोषण किया जाता है तो उन्हें काफी दु:ख हुआ। अत: राज्य में मानव तस्करी पर नियंत्रण हेतु तत्परता से कार्य करने हेतु भी निदेष दिया गया है। महामहिम राज्यपाल ने कहा है कि उनकी इच्छा है कि राज्य का हर नागरिक अपने को सुरक्षित महसूस करे, कोर्इ शर्मनाक घटना न हो।

कोर्इ भी व्यकित भ्रष्टाचार और अपराध करने की हिम्मत न करे और हमारे राज्य की गिनती विकसित राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान पर हो। महामहिम राज्यपाल आज राजभवन के दरबार हाल में स्वास्थ्य, चिकित्सा षिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राज्यस्तरीय साप्ताहिक लौह तत्व एवं फोलिक एसिड पूरक कार्यक्रम तथा किषोरी स्वास्थ्य पखवाड़ा का शुभारम्भ कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल के परामर्षी श्री के. विजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य श्री के. विधासागर, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री एन.एन. सिन्हा, प्रधान सचिव, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती मृदुला सिन्हा, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमण्डल के आयुक्त श्री एस.एस. मीणा, राँची के उपायुक्त श्री विनय कुमार चौबे, यूनिसेफ के झारखण्ड प्रमुख श्री जाब जकारिया, निदेषक, स्वास्थ्य सेवायें डा0 सुमन्त मिश्रा आदि सहित स्वास्थ्य विभाग से सम्बद्ध पदाधिकारीगण, कर्मीगण एवं स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यगण तथा बच्चे उपसिथत थे।

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महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य के समस्त नागरिकों को अपनी-अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन र्इमानदारीपूर्वक करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास हेतु आवष्यक है कि वहाँ के लोगों को स्वास्थ्य, षिक्षा आदि बुनियादी सुविधायें उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य हेतु हमें स्वच्छता पर भी ध्यान देने की आवष्यकता है। इस क्रम में घर के वातावरण को भी स्वच्छ रखा जाय। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की आबादी का लगभग एक चौथार्इ हिस्सा किषोर-किषोरी का है। किषोरावस्था बचपन तथा युवा अवस्था के बीच का समय होता है जिसमें व्यकित का शारीरिक तथा मानसिक विकास तीव्र गति से होता है, कर्इ हारमोनल परिवर्तन भी होते हैं। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वो खासकर लौह तत्वों की आवष्यकता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पोषाहार में कमी तथा खान-पान में आयरन की कमी के कारण एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होती है। इससे केवल गर्भवती महिलाएँ ही नहीं बलिक षिषु एवं छोटे बच्चे तथा किषोर-किषोरियाँ भी प्रभावित हैं। एक सर्वे के अनुसार झारखण्ड के किषोर-किषोरियों में आधे से अधिक एनीमिया से प्रभावित हैं। किषोरियों में से दो तिहार्इ इससे पीडि़त हैं जो चिन्ताजनक है।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि अगर माँ ही कमजोर होगी तो बच्चे कमजोर हीं होंगे, अत: इसपर नियंत्रण पाना जरूरी है। अत: इस दृषिटकोण से साप्ताहिक लौह तत्व एवं फोलिक एसिड पूरक कार्यक्रम एवं किषोरी स्वास्थ्य पखवाड़ा हमारे राज्य के लोगों के लिए स्वास्थ्य के दृषिटकोण से वरदान सिद्ध होगा।

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