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मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर आजीविका और कौशल विकास के लिए एकल मंच तैयार किया जायेगा। जिसकी मदद से राज्य के गरीबों को स्वरोजगार से जोड़ कर उन्हें बीपीएल श्रेणी से मुक्त कराया जायेगा। इस मंच में बैंक, औद्योगिक साझेदार, माइक्रो वित्तीय संस्थान और कौशल प्रदान करनेवाली संस्थाएं शामिल होंगी। राज्य के हर बीपीएल परिवार की एक बहन को आजीविका और कौशल विकास से जोड़ने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। गरीबी समाप्त करने में कौशल विकास एक सशक्त माध्यम है। इसलिए राज्य सरकार इस पर विशेष फोकस कर रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने ग्राम स्वराज अभियान के समापन पर आयोजित आजीविका एवं कौशल विकास मेले के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाएं काफी मेहनती हैं। सरकार महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ रही है। अभी राज्य में सवा लाख से ज्यादा सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है। 17 लाख परिवार इनसे जुड़ें हैं। महिलाएं परिवार की शक्ति हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इन्हें समाज की शक्ति, राज्य की शक्ति और देश की शक्ति बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मीठी क्रांति का आह्वान किया है। झारखंड इसके लिए सबसे बेहतरीन स्थान है। यहां 10 हजार किसानों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। 600 किसानों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा चुका है। केंद्र ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य को मधुमक्खी पालन के लिए अतिरिक्त बॉक्स दें, तो इसमें तेजी लायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में काफी मात्रा में कुकुन होता है। महिलाओं को प्रशिक्षित कर सूता उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। इनके लिए राज्य के नौ जिलों में प्रोसेसिंग प्लांट बनाया जायेगा।
श्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकल्प से सिद्धि के तहत आह्वान किया है कि 2022 तक देश में कोई बेघर, बेदवा, बेरोजगार, बेशिक्षा न रहे। राज्य सरकार इसी को ध्येय बनाकर काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि 2020 तक राज्य में कोई भी गरीब बेघर नहीं रहेगा।उन्होंने कहा कि गरीब घर में पैदा होने के कारण गरीबों की वेदना जानता हूं। प्राकृतिक संसाधन और मेहनतकश मानव बल से संपन्न झारखंड की गोद से गरीबी को समाप्त करना मेरा संकल्प है। 14 अप्रैल से शुरू हुए ग्राम स्वराज अभियान के तहत राज्य के अतिपिछड़े 252 जिलों में सरकार की सारी योजनाओं को लागू किया गया है। इसका व्यापक असर दिख रहा है।
कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्रामीण विकास के क्षेत्र में झारखंड बेहतरीन काम कर रहा है। यहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस वर्ष 1700 बसावटों को जोड़ने का लक्ष्य था। श्री रघुवर दास के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लक्ष्य से अधिक 1712 बसावटों को जोड़ा है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में पांच लाख आवास बनाये जाने हैं। झारखंड में अब तक 1.76 लाख मकान तैयार कर गरीबों को सौंपे जा चुके हैं। एडवांस प्लानिंग कर मनरेगा के तहत केंद्र से मिले 3300 करोड़ रुपये का सदूपयोग करते हुए जल संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है। झारखंड विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार यहां पैसों की कमी नहीं आने देगी।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने विभाग के कामों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगले साल तक दो लाख सखी मंडलों का गठन कर उन्हें रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम में आजीविका मिशन और कौशल विकास योजना के लाभूकों ने अपने अनुभव साझा किये। इस दौरान उत्कृष्ठ कार्य करनेवाले 10 ग्राम संगठन, पांच ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत चार राज्यों को बेहतरीन कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। साथ ही 18 नवनिर्मित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान का ऑनलाइन उदघाटन किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव श्री अमरजीत सिन्हा, झारखंड के मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, मेयर श्रीमती आशा लकड़ा, झारखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री संजय सेठ, रांची के डिप्टी मेयर श्री संजीव विजयवर्गीय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार बर्णवाल, उच्च, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के सचिव श्री अजय कुमार सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।