झारखण्ड हाई कोर्ट राँची में दस दिनों का योग स्वास्थ्य प्रबंधन शिविर का आयोजन स्वामी मुक्तरथ के सान्निध्य में आज प्रारम्भ हुआ है।

हाईकोर्ट परिसर में प्रातः 6:30 से 7:30 तक माननीय न्यायमूर्ति श्री अप्रेस कुमार सिंह सहित वरीय न्यायाधीश, रजिस्ट्रार और उच्च न्यायालय के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में योगाचार्य मुक्तरथ जी के निर्देशन में योगाभ्यास किया। 

मुक्तरथ जी ने बताया कि कोविड के बुरे वक्त में योग ही व्यक्ति का शक्तिशाली उपाय बन कर उभरा जो कोरोना से बचाव में इम्युनिटी को बढ़ाने का काम किया, कोरोना से ग्रसित हो जाने पर जल्द ठीक होने में सहायक सिद्ध हुआ और कोरोना से मुक्त होने के बाद उसके साईड इफेक्ट को दूर करने में तथा स्फूर्ति लाने में शक्तिशाली साधन साबित हुआ।

न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए माननीय न्यायमूर्ति श्री अप्रेस कुमार सिंह ने अपने स्वयं के अनुभव को साझा करते हुए योग के महत्ता को बताये। उन्होंने कहा योग न्याय व्यवस्था में आप को सहयोग करेगा क्योंकि प्राणायाम, ध्यान और सूक्ष्म यौगिक क्रिया(पवन मुक्तासन भाग-1) मन और मष्तिस्क पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। यह क्रिया दिन भर आपको चुस्त और दुरुस्त रखेगा तथा तरोताजा बनाये रखता है। 
 

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जस्टिस अप्रेस सिंह ने कहा कि मैं अपने फ्रोजन सोल्डर के दर्द से काफी परेशान था जो मुक्तरथ जी के निर्देशन में मात्र पंद्रह दिनों में ठीक हो गया साथ ही योग करके दिन भर मैं तरोताजा अनुभव करता हूँ जो जिम या अन्य व्यायाम से नहीं आ पाता है। जिम से शरीर को मजबूती जरूर मिलती है पर मन का हल्कापन या शरीर की लोच क्षमता योग से ही आती है। योग का दूसरा पक्ष यह है कि इसका प्रभाव इंडोक्राइन ग्लैंड पर जबर्दस्त रूप से पड़ता है जिससे थायराईड,पट्यूटरी, प्रोस्टेट या अन्य ग्रंथियाँ स्वस्थ बनी रहती है।

उन्होंने कहा मैं विगत चार महीने से मुक्तरथ जी के सानिध्य में योग का अभ्यास कर रहा हूँ। मैं खुद के अनुभव को आप के बीच साझा किया है। भस्त्रिका प्राणायाम से मुझे साइनस में बहुत लाभ मिला,वहीं नाड़ीशोधन मन को स्फूर्त रखने में बहुत मददगार साबित हुआ। पवनमुक्तासन शरीर के ग्लैंड को समाप्त करने,जोड़ो में लचीलापन लाने और ब्लॉकेज को खोलने में बहुत शक्तिशाली है।

योग कक्षा का संचालन रजनीश कुमार और अवनीश कुमार ने किया।

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