*Image credit IPRD, Jharkhand

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जन भागीदारी विकास को सम्पूर्ण और वास्तविक बनाती है। समाज के गरीब तबके की सुध लेनेवाली योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करते हुए धरातल पर उतारें। निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूरा करें। जिले के उपायुक्त संबंधित योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा करें। सौभाग्य योजना के लिए हर दस दिन में संबंधित लोगों के साथ बैठक करें। मानसून आनेवाला है। उपायुक्त तीन दिन में मंत्री-विधायकों से तालाब की अनुशंसा मांग लें, नहीं तो स्वयं निर्णय लेते हुए काम शुरू करायें, ताकि बरसात के पूर्व काम हो सके और तालाब में पर्याप्त पानी जमा हो सके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकतावाली योजनाओं के काम में तेजी लायें, ये सारी योजनाएं गरीबों के लिए है। उक्त बातें उन्होंने फ्लैगशिप योजनाओं, एस्पीरेशनल डिस्ट्रीक के संदर्भ में तैयार एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक में कहीं। वे झारखंड मंत्रालय में कोल्हान और पलामू प्रमंडल में चल रही योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को तेजी से लागू कराने के लिए जनप्रतिनिधि और आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें। लोगों को जोड़ने से न केवल काम में तेजी आयेगी बल्कि छोटी-मोटी परेशानी से भी बचा जा सकेगा। जिस प्रकार से ग्राम स्वराज अभियान के तहत विकास योजनाओं को समयबद्ध धरातल पर उतारा गया, उसी प्रकार का एक माह का अभियान राज्य में चलायें। इसमें फ्लैगशिप योजनाओं को गांव-गांव में पहुंचायें।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी हर घर में बिजली नहीं है। सौभाग्य योजना के तहत बीपीएल परिवारों को निशुल्क बिजली दी जानी है। इसे मिशन मोड में पूरा करना है। बरसात से पूर्व पोल गाड़ने का काम पूर्ण कर लें। इससे बरसात में काम रूकेगा नहीं और बिजली के तार खीचने में परेशानी नहीं होगी। बिजली आते ही लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव आयेगा। घर-घर बिजली पहुंचाने में डिस्ट्रीक और ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर की मदद लें। उपायुक्त हर दस दिन में केवल बिजली के लिए बैठक करें। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बननेवाले घरों में भी साथ-साथ बिजली कनेक्शन देकर चालू करायें। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां काम धीरे है, वहां तेजी लायें। गांव वालों को मेशन का प्रशिक्षण दें। आवास बनाने के लिए जरूरी सामग्रियों का संचय बरसात के पूर्व करा लें। स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक आठ जिले ओडीएफ घोषित हुए हैं। दो अक्तूबर तक झारखण्ड को ओडीएफ करने का लक्ष्य हर हाल में प्राप्त करना है। इसके लिए जरूरी हो, तो ओडीएफ घोषित जिलों से मदद लें। आम लोगों की भागीदारी बढ़ायें। स्वच्छ भारत मिशन के तहत पलामू जिले को विशेष फोकस करने की जरूरत है। वहां अभी लक्ष्य से काफी दूर हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत जल्द से जल्द केवाइसी फार्म भरवाकर गैस डीलरों को उपलब्ध करा दें। इस माह के अंत तक दोनों प्रमंडल में इसे पूरा कर लें। इसके लिए जिला और प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष की मदद लें।

 

एस्पीरेशनल डिस्ट्रीक के एक्शन प्लान के तहत काम में तेजी लाने के लिए उन्होंने कहा कि जिले से सबसे पिछड़े प्रखंड, पंचायत और गांव पर पहले फोकस करें। आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति का जल्द गठन करें। जहां गठन हो चुका है, वहां 15 दिन में बैठक करा कर जल संचय से जुड़ी योजना का प्रस्ताव मंगा लें।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि मंत्री-विधायकों से तीन दिन में तालाबों की अनुशंसा मंगा कर काम शुरू कर दें। इस दौरान जहां अनुशंसा नहीं मिले, वहां स्वयं निर्णय लेकर काम शुरू कर लें। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए गांव के पढ़े-लिखे लोगों को कांट्रेक्ट पर रख लें। जहां अस्पताल के लिए भवन बन कर तैयार हैं, वहां स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू करायें। 20 जून से कृषि महोत्सव का आयोजन कर कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं को लाभुकों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें।

बैठक में ऊर्जा विभाग ने दिसंबर तक घर-घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य की टाइमलाइन प्रस्तुत किया। ग्रामीण विकास विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन प्रमंडलों में की प्रगति की जानकारी दी। स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लक्ष्य और उनकी टाइम लाइन की जानकारी बैठक में दी गयी। 

बैठक में सभी जिलान्तर्गत प्रत्येक प्रखंड में उत्कृष्ट कार्य करनेवाली एक सखी मंडल अध्यक्ष तथा 500 से ज्यादा आबादी वाले आदिवासी ग्रामों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, मंत्रिमण्डल सचिवालय सह समन्वय विभाग के प्रधान सचिव एस0के0जी0 रहाटे समेत विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पलामू, गढ़वा, लातेहार के उपायुक्त उपस्थित थे।

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