*Foundation stone laying of Rice Mills in different districts कार्यक्रम में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री रामेश्वर उरांव।

झारखंड में कृषि छेत्र के निवेशक खुश दिखे। कारण ? झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन  ने नई पहल की है और राज्य के विभिन्न जिलों में 14 राइस मिल्स का ऑनलाइन शिलान्यास किया। 

ये राइस मिल्स गढ़वा,पलामू,लातेहार,पश्चिमी सिंहभूम,खूंटी,गुमला,सिमडेगा,धनबाद,बोकारो और गोड्डा में खुला।

हेमंत सरकार के औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (जियाडा) ने रियायती दर पर राइस मिल खोलने के लिए निवेशकों को किया था प्रोत्साहित। इस पहल से किसानों को काफी फायदा होने की उम्मीद है ।

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इसलिए की राइस मिल खुलने से झारखंड के किसान पहले से ज्यादा धान बेच सकेंगे।इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। शिलान्यास कार्यक्रम में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भी मौजूद थे ।

आज दोपहर एक बजे प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में यह शिलान्यास समारोह का कार्यक्रम संपन्न हुवा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका शिलान्यास किए ।

सरकारी दस्तावेज में यह साफ़ है की झारखंड के किसान बड़े पैमाने पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में धान से चावल बनाने के लिए राइस मिलों की मदद लेते रहे हैं। 

इसका मतलब साफ़ है की झारखंड में चावल मिल खुल जाने से पलायन रुकेगा। पूर्वी सिंहभूम का चाकुलिया इलाका तो एक जमाने में चावल उत्पादन के लिए पूरे झारखंड में मशहूर था। चाकुलिया में बड़े पैमाने पर चावल मिलें मौजूद थीं। बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण यह चावल मिलें लगभग बंद सी हो गई हैं। यहां से कभी चावल विदेश तक भेजा जाता था।

 

दूसरा तथ्य ये है की झारखंड में 2021 के खरीफ मौसम में 48 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार करीब 17.63 लाख हेक्टेयर में धान लगाया गया था। खरीफ में कुल 20.58 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी। पिछले वर्ष 2020 में 49 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2021 में इस मानसून ने किसानों का साथ दिया था। जून के पहले पखवाड़े से बारिश शुरू हो गयी थी। राज्य में करीब 1300 मिमी बारिश हुई थी।

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