सौर ऊर्जा से झारखण्ड के सुदूर और दुर्गम स्थानों पर स्थित गांव अब रोशनी से जगमग हो रहे हैं। झारखण्ड राज्य के ये वैसे गांव हैं, जहां ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकरण संभव नहीं हो पाया था। अंततः कुल 246 गांवों में सोलर पावर प्लॉट (मिनी और माइक्रो), सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम से विद्युतीकरण किया गया है। वहीं वैसे अविद्युतीकृत घर, जिसके रहवासी विद्युत से वंचित रह गये थे, ऐसे 209 गांवों में क्रमश: 3494 एवं 4245 अविद्युतीकृत घरों अर्थात कुल 7740 घरों को सोलर स्टैण्ड ऍलोन सिस्टम से विद्युतीकृत किया गया है।

सरकारी डेटा के अनुसार चिह्नित हुए ये गांव, पहुंची बिजली। 

झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वैसे सुदूरवर्ती गांवों को चिह्नित किया गया, जहां अबतक पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति या दुर्गम पहाड़ियों एवं वनों से आच्छादित होने के कारण पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से विद्युत आपूर्ति बहाल करना वित्तीय एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से व्यवहार्य नहीं था। 

ऐसी स्थिति में वैसे गांवों को सोलर एनर्जी के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया, जिससेे न सिर्फ उक्त ग्रामों की ऊर्जा की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सका, बल्कि ऐसे गांवों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने हेतु ग्रामीण औधोगिकीकरण की संभावनाओं को देखते हुए विद्युत की आवश्यकता को पूर्ण किया जा रहा है।

-----------------------------Advertisement------------------------------------Jharkhand School of Exccellence Hamin Kar Budget 2023-24

सरकार कहती है की वह एक लक्ष्य से कार्य कर रही ।क्या है इसका  लक्ष्य? 

झारखंड राज्य सरकार का लक्ष्य हरेक गांव, कस्बों, टोलों का विद्युतीकरण करना है। कई गांवों में दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परंपरागत विद्युत आपूर्ति तकनीकी और व्यावहारिक रूप से सहज नहीं है। ऐसे में सरकार का मानना है कि वहां अक्षय ऊर्जा परियोजना स्थानीय जरूरतों के अनुरूप एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। ऐसे गांवों या कस्बों को 100 प्रतिशत सब्सिडी के तहत स्थापित मिनी ग्रिड अथवा सोलर स्टैंड एलोने होम लाइटिंग सिस्टम के जरिए विद्युतीकृत करने की योजना पर कार्य हो रहा है, जिससे हर गरीब के घर तक बिजली पहुंच सके। 

सरकार के अनुसार दो माध्यम से हो रहा विद्युतीकरण।

सरकार दो माध्यम से सुदूरवर्ती गांवों को रोशन कर रही है।पहला सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के जरिये 50 से कम घर होने अथवा गांव की भौगोलिक स्थिति में गांव का विस्तार, ग्रामीण जनसंख्या का घनत्व विभिन्न टोलों में बांटकर दूर दूर होने की स्थिति में उस ग्राम को सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्तावित है। 

इसके तहत प्रत्येक घर में 200-250 वाट का मॉड्यूल 9 वाट के 4 अदद एल.ई.डी. लाईट, 1 अदद डी०सी० पंखा उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही एक मोबाईल चार्जिंग प्वाइंट एवं 1 एल.ई.डी. टी०वी० हेतु उपयुक्त क्षमता के पावर प्वाईंट की व्यवस्था के साथ विद्युतकृत किया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त यदि ग्राम में सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय उपलब्ध है, तो उसमें भी उपयुक्त क्षमता के अनुसार सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक 10 घरों की आबादी पर एक अदद 12 वाट एल.ई.डी. सोलर स्ट्रीट लाईट लगाकर गांव की गलियों को रोशन किया जायेगा।

 दूसरा, मिनी/माईक्रो ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट के तहत घरों की संख्या 50 से अधिक होने पर एवं ग्राम का वास्तविक फैलाव, आबादी का घनत्व सघन होने की स्थिति में उस ग्राम को मिनी, माईक्रो ग्रिड सोलर पावर प्लांट के माध्यम से प्रत्येक घर में 200-250 वाट क्षमता का विद्युत लोड निर्धारित करते हुए पोल एवं तार के माध्यम से प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है।

--------------------------Advertisement--------------------------MGJSM Scholarship Scheme

सरकार कहती है -ये गांव हुए रोशन।

साहेबगंज के बरहेट स्थित चपेल पहाड़, बास्को पहाड़ और टेंगरा पहाड़ स्थित गांव सौर ऊर्जा से रोशन हो चुके हैं।  वहीं पतना प्रखंड के छः गांवों में सौर ऊर्जा का कार्य जारी है। जबकि हजारीबाग के इचाक, चतरा के सिमरिया के एक-एक गांव एवं सिमडेगा के चार गांवों को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का कार्य जारी है।

must read