झारखंड में लैंड म्यूटेशन का काम बंद है ।jharbhoomi.Jharkhand.gov.in का सर्वर ख़राब है। इस से हज़ारों हज़ार ज़मीन म्यूटेशन का काम ठप है ।

साथ में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) के बीमार सर्वर के कारण मरीजों को आए दिन परेशानी हो रही है।

सत्य तो ये है की कोई सुनने वाला नही।रिज़ल्ट ये की विगत  तीन दिनों में लगातार दूसरी बार आज शनिवार को jharbhoomi.Jharkhand.gov.in का सर्वर ख़राब है। ज़मीन का म्यूटेशन का काम बंद पदा है । कॉमन सर्विस सेंटर चलाने वाले मुश्किल में फ़से दिख रहे है। और ज़मीन ख़रीदने वाले अपना दुःख किससे बोले ।

साथ में RIMS का सर्वर भी डाउन हो गया। इसके कारण आज लगभग 5 घंटे (7 बजे से 11:45 बजे ) तक मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं पाया। लगभग 300 मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। 

हालांकि चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों को हाथ से ही पर्ची काटने का आदेश दिया, इसके बाद कुछ मरीजों का OPD में इलाज शुरू हुआ लेकिन लेकिन यह व्यवस्था काफी छोटी साबित हुई।

दो दिन पहले 27 जनवरी को भी रिम्स का सर्वर ठप रहा था। इसके कारण लगभग डेढ़ घंटे तक रजिस्ट्रेशन बाधित रहा। सर्वर आने के बाद रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई। PRO डीके सिन्हा ने दैनिक भास्कर को बताया कि ये तकनीकी खामी है इसे सही करा लिया गया है। OPD और इमरजेंसी में मरीजों का इलाज जारी है।

वहीं रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों ने ऑफलाइन पर्ची काटे जाने के बाद ओपीडी में डॉक्टरों ने मरीज का इलाज तो कर दिया, लेकिन जांच के लिए पर्ची कटाने में काफी परेशानी हुई। RIMS में रेडियोलोजी और पैथोलॉजी को मिलाकर करीब तीन हजार तरह की जांच होती है। ऐसे में सर्वर नहीं रहने की वजह से मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ा।

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए RIMS प्रबंधन ने पहली पाली में OPD के संचालन का आदेश दिया है। पहली पाली में भी मात्र 40 मरीजों को ही चिकित्सीय सलाह दी जा रही है। ऐसे में शनिवार को करीब 5 घंटे तक सर्वर ठप रहने के कारण मरीज इलाज से वंचित रहे।

वही NIC जो केंद्र सरकार का है jharbhoomi.Jharkhand.gov.in का सर्वर को ठीक नही कर पा रहा। कोई सुनने को तैयार नही ।

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