*Image credit DD News

मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के तहत भारतमाला परियोजना को  आम बजट में वाराणसी से कोलकाता जो झारखंड से कई जिलों से होकर गुजरेगी के लिए नए एक्सप्रेसवे की घोषणा की गई है. 

इससे वाराणसी और कोलकाता जैसे दो बड़े महानगरों के बीच की जर्नी कम समय में संभव हो सकेगी. वाराणसी से कोलकाता के बीच करीब 600 किमी लंबे नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जो झारखंड के कई जिलों से गुजरेगा. इस आठ लेन के एक्सप्रेसवे के बनने से वाराणसी से कोलकाता की दूरी महज 6 से 7 घंटे में पूरी होगी.

यह नया ग्रीन फ़ील्ड ऐक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा.

इसके बन जाने से उत्तर प्रदेश के चंदौली होते हए बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच तेज कनेक्टिविटी मिलेगी. काशी-कोलकाता नए एक्सप्रेसवे से चंदौली, भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, बोकारो, रांची, पुरुलिया का सीधा संपर्क हो जाएगा. बिहार से होकर पटना, कोलकाता और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित है.

यूपी के चंदौली में एक़्सप्रेसवे लगभग 22 किमी लंबा होगा. जबकि बिहार में यह 159 किमी होगा. चंदौली में यह पीडीडीयू नगर तहसील के रेवसां से धरौली बिहार बार्डर के बीच से गुजरेगा. यह जिले के 31 गांवों से गुजरेगा. इसके लिए जमीन चिह्नित करके डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया तेज हो गई है.

भारतमाला परियोजना का एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 575 किमी है. इसकी चौड़ाई लगभग सौ मीटर से अधिक होगी. इसे बनाने का उद्देश्य देश की दो, बौद्धिक और कभी आर्थिक राजधानी रहे काशी और कोलकाता सीधे जोड़ना है. दो महानगरों के बीच वाया रांची से बनने वाले एक्सप्रेसवे की रूपरेखा तैयार हो चुकी है. भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.

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