झारखंड में अब एक नया आंदोलन शुरू हो चुका है। ये आंदोलन आदिवासी ज़िला खूँटी में आज दिखाई दिया। आंदोलन PM स्वामित्व योजना के खिलाप है ।

कृपया ध्यान दे।स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी जिले में ड्रोन सर्वे का काम चल रहा है। ये कोई सामान्य ड्रोन नहीं है. भारत का सबसे सफल ड्रोन है. इसने अब तक भारत में 84,809 गांवों का सर्वे किया है. अब आप सोचेंगे कि गांवों का सर्वे क्यों? 

क्योंकि इस ड्रोन का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारतीय सेना द्वारा भी किया जा रहा है. यह ड्रोन किसी भी तरह के नक्शे बनाने और तस्वीरें लेने में उपयोग किया जा सकता है. इसका नाम है ट्रिनिटी-एफ9 (Trinity F9). कहा जाता है कि अकबर के समय में टोडरमल ने सबकी जमीन का नक्शा बनाने का काम शुरु हुआ था, जो फिर से अब इतने बड़े पैमाने पर शुरु हो रहा है. 

ड्रोन सर्वे के बाद  भू मालिकों को सम्पति कार्ड वितरित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत देश के लगभग एक लाख प्रॉपटी धारको के मोबाइल फ़ोन पर एसएमएस के माध्यम से एक लिंक भेजा जायेगा। जिसके माध्यम से देश के प्रॉपटी धारक अपना प्रॉपटी कार्ड डाउनलोड कर सकते है। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्ड का फिजिकल वितरण करेंगी । 

गांव के लोगों को इस योजना के माध्यम से अब बैंक से लोन मिलने में भी आसानी होगी। सूत्रों के अनुसार 11 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हरियाणा के 221, उत्तर प्रदेश के 346, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांवों के नागरिकों को आबादी की जमीन के मालिकाना हक के कागज सौंपेगे। 

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इस योजना के माध्यम से लोगों की संपत्ति का डिजिटल ब्यौरा रखा जा सकेगा। PM Swamitva Yojana के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा गांव की जमीन की आबादी का रिकॉर्ड एकत्रित करना शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ विवादित जमीनों के मामले के निपटारे के लिए डिजिटल अरेंजमेंट भी राजस्व विभाग द्वारा शुरू किया गया है।

लेकिन आदिवासी बहुल राज्य झारखंड के खूँटी में इस योजना के विरोध में मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, आदिवासी एकता मंच, मुंडारी खुंटकट्टी परिषद, संयुक्त पड़हा समिति और विभिन्न ग्रामसभा के द्वारा जादुर अखड़ा में सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर खूंटी जिला के विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे.

सभा को संबोधित करते हुए दयामनी बारला ने कहा कि लोगों से सहमति लिए बिना ही ड्रोन सर्वे किया जा रहा है. सर्वे कर जमीन का डिजिटल नक्शा बनाया जायेगा. सर्वे के विरोध में डीसी समेत सीओ एवं अन्य पदाधिकारियों को आवेदन दिया गया, लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है. कहा कि मांगें नहीं सुने जाने पर विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री आवास, स्थानीय सांसद और विधायक का घेराव किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार स्वामित्व योजना की सच्चाई बताये. योजना का असली मकसद क्या है. राज्य सरकार भी बताये कि योजना को लागू करने के लिए कब कैबिनेट और टीएसी से पारित किया गया. क्यों अफरा-तफरी में योजना संचालित की जा रही है. कहा कि वन नेशन वन सॉफ्टवेयर के तहत संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार किया जा रहा है. पांचवीं अनुसूची, सीएनटी क्षेत्र और मुंडारी खूंटकट्टी क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन का परंपरागत स्वामित्व अधिकार गांव के पास है.

सभा को संबोधित करते हुए दयामनी बारला ने कहा कि लोगों से सहमति लिए बिना ही ड्रोन सर्वे किया जा रहा है. सर्वे कर जमीन का डिजिटल नक्शा बनाया जायेगा. सर्वे के विरोध में डीसी समेत सीओ एवं अन्य पदाधिकारियों को आवेदन दिया गया, लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है. कहा कि मांगें नहीं सुने जाने पर विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री आवास, स्थानीय सांसद और विधायक का घेराव किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार स्वामित्व योजना की सच्चाई बताये. योजना का असली मकसद क्या है. राज्य सरकार भी बताये कि योजना को लागू करने के लिए कब कैबिनेट और टीएसी से पारित किया गया. क्यों अफरा-तफरी में योजना संचालित की जा रही है. कहा कि वन नेशन वन सॉफ्टवेयर के तहत संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार किया जा रहा है. पांचवीं अनुसूची, सीएनटी क्षेत्र और मुंडारी खूंटकट्टी क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन का परंपरागत स्वामित्व अधिकार गांव के पास है.

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