झारखंड के मुख्य मंत्री आज रांची के सिरोमटोली सरना स्थल के सौदर्यीकरण योजना का शिलान्यास किया। लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से इस सरना स्थल परिसर में कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी ।

मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने  कहा कि राज्य कि सभी सरना और मसना स्थल का संरक्षित करने का संकल्प राज्य सरकार ने लिया है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इसके ऐतिहासिक महत्व से भलीभांति वाकिफ रहे। उन्होंने राज्य वासियों से कहा कि अगर उनकी नजर में कोई उत्सव स्थल को विकसित और संरक्षित करने की जरूरत है तो उसकी जानकारी दें। इस दिशा में सरकार अवश्य पहल करेगी।

*प्राचीनतम व्यवस्थाओं में एक है आदिवासी समाज की व्यवस्था*

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व की प्राचीनतम व्यवस्थाओं में आदिवासी समाज की व्यवस्था को जाना जाता है। हालांकि, आज की भौतिकवादी युग में सामंजस्य स्थापित करने में आदिवासी समाज थोड़ा पिछड़ सा गया है । लेकिन, आदिवासियों के हक और अधिकार तथा विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अवसर पर पृथक रूप से आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाया गया है। यह मंत्रालय आदिवासियों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है।

*प्रकृति के पुजारी है आदिवासी*

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के साथ रहना पसंद करते हैं। वे प्रकृति के पुजारी है। लेकिन, आज हर तरफ विकास की ही बात हो रही है। ऐसे में प्रकृति और विकास के बीच सामंजस्य स्थापित करने की जरूरत है। क्योंकि, जब प्राकृतिक व्यवस्था बचेगी, तभी आदिवासी समाज और संस्कृति जीवित रहेगी।

*आदिवासियों में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प कोई कमी नहीं*

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल आज तक आदिवासी समाज का विश्लेषण किया जाए तो हम कह सकते हैं कि उनके आत्मविश्वास और दृढ संकल्प में कोई कमी नहीं आई है। आज भी वह पहले की ही तरह अडिग है। यही हमें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं । यही वजह है कि सरना स्थल जैसे उत्सव स्थल हमें एक सूत्र में बांधने का काम करते हैं।

इस अवसर पर मंत्री श्री चम्पाई सोरेन, विधायक श्री सीपी सिंह, श्री राजेश कच्छप, पदमश्री श्री मुकुंद नायक और केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष श्री अजय तिर्की, श्री संतोष तिर्की, श्री प्रकाश हंस, श्री विजय बड़ाईक, श्री रूपचंद, श्री किशोर नायक, श्री किशोर लोहरा और अन्य सदस्य मौजूद थे।

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