झारखंड में सरकार के कई मुखिया आरोपों में फँसे पड़े है। मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के खिलाप पथर माइंस लेने का आरोप है। तो स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर आरोप है की वो अपने कर्मियों को अपने ही मंत्री कोशाग से “ प्रोत्साहन राशि” देने का प्रयास किया।
और अब राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसने लगा है।बन्ना गुप्ता और आलमगीर आलम कोंग्रेस के विधायक है। हेमंत सोरेन JMM के विधायक है।
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम साहिबगंज के बरहरवा में 2020 में हुए टेंडर विवाद को लेकर दर्ज एक केस में आरोपी हैं।
उनके खिलाप ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई अन्य भी आरोपी हैं। इस मामले में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है।
केस दर्ज किए जाने के बाद रांची जोनल ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा ने इस संबंध में नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है। ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की है।
जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बरहरवा थाने में टेंडर विवाद से जुड़ी एफआईआर की सारी जानकारी मांगी है। ईडी ने यह भी जानकारी मांगी है कि जिस टेंडर प्रकिया में शामिल होने से ठेकेदार शंभू नंदन को रोका गया था, उसमें कितने की राशि जुड़ी थी। साथ ही ईडी पूरी टेंडर प्रकिया व इससे होने वाले संभावित आय की जानकारी जुटाने में लगी है।