झारखंड में बिजली की गंभीर संकट है। बिजली की कटौती के कारण लोग शहर और गाँव दोनो जगह परेशान हैं।और बिजली विभाग लाचार दिखती है. 

इसकी वजह राज्य को मांग के अनुरूप बिजली न मिलना और सिकदरी पावर प्रोजेक्ट का बंद होना बताया जाता है. इसके अलावा सरकार ने बिजली कम्पनियों को पैसा नही दे पाने के कारण बिजली की बढ़ी डिमांड को इस गर्मी में नही निपटा पा रही।

TV न्यूज़ १८ के अनुसार इस संकट की घड़ी में राजस्थान झारखंड को सस्ती दरों पर बिजली दे रहा है. “राजस्थान से राज्य को 350 मेगावाट की बिजली की सप्लाई मिल रही है. लेकिन वो सिर्फ दिन के वक्त मिलती है क्योंकि राजस्थान से जो बिजली सप्लाई होती है वो सोलर एनर्जी (Solar Energy) है.”

झारखंड में दिन में लगभग 1500 मेगावाट बिजली मिल रही है. लेकिन मांग 1770 मेगावाट के आस पास है. रात के वक्त बिजली की किल्लत 400 से 600 मेगावाट की होती है. शाम छह बजे के बाद लोड शेडिंग का दायरा बढ़ जाता है. 

“बिजली मिलने की बात की जाए तो तेनुघाट से वर्तमान में 320 मेगावाट, आधुनिक ग्रुप से 180 मेगावाट बिजली मिल रही है. इसके अलावा झारखंड को सेंट्रल पूल से भी बिजली मिल रही है.वहीं, सिकदारी पावर प्लांट जिसकी क्षमता 130 मेगावाट है पानी की कमी से बंद है.” ये तथ्य TV news - हिंदी.न्यूज़18. Com का है।

बिजली संचरम प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने hindi.news18.com ko कहा है कि “बिजली की किल्लत दूर करने को लेकर हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. राजस्थान से दिन के वक्त ढाई रुपए की दर से सोलर एनर्जी मिलती है जिससे थोड़ी राहत है.”
 

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