*Image credit IPRD, Jharkhand

तकनीकी के माध्यम से परिवर्तन संभव है, युवाओं को सपने देखने के लिये तैयार रहना चाहिये। लक्ष्य उंचा रखें तो ग्रामीण स्तर पर तीव्र विकास की संभावनाओं को बल मिलेगा। हम खुश हैं कि हमारे पास काॅमन सर्विस सेंटर की तकनीकी है तथा इसके माध्यम से परिवार के आर्थिक विकास के साथ साथ ग्राम तथा समाज का भी आर्थिक विकास किया जा सकता है। ये बातें मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने आज प्रोजेक्ट बिल्डिंग के नये सभागार में सीएससी तथा डिजीटल इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित स्टेट लेवल कांफ्रेंस आॅन आईटी एंड आईटीईएस एन्टरपेन्योर्स के उद्घाटन सत्र में प्रदेश के विभिन्न पंचायतों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आये टस्म् ( विलेज लेवल एन्टरपेन्योर्स ) को संबोधित करते हुए कही। 

वर्मा ने कहा कि गांव और समाज में आर्थिक क्रांति का आगाज करना है, तथा प्रत्येक ग्रामीण परिवार को आत्मनिर्भर बनाना है तो युवाओं को दृढ़इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा तथा तकनीकी की नित नई आधारशिला रखनी होगी। उन्होनंे कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये निवेश की संभावनाओं को बल मिल रहा है तथा उदार नीतियों की वजह से 200 कंपनियों की आधारशिला रखी जा चुकी है। वर्मा ने कहा कि स्वनियोजन हेतु कौशल विकास के बजट को 150 करोड़ से बढ़ाकर 700 करोड़ किया गया है तथा आगामी 12 जनवरी को 25000 युवाओं को निजी कंपनियों में नौकरी हेतु नियुक्ति पत्र का वितरण किया जायेगा। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा जाॅब सीकर न बनें बल्कि जाॅब प्रोवाईडर बनें। नई सोच, नये आईडिया तथा इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ें  और सरकार की नीतियों का फायदा उठायें। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में पूरे देश का 80 प्रतिशत तसर, 60 प्रतिशत लाह तथा 40 प्रतिशत ईमली का उत्पादन होता है तथा झारखंड में उत्पादित होने वाला शहद पूरी तरह से आॅर्गेनिक है तथा उस क्षेत्र को लघु कुटीर उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। 

सीएससी  ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड के सीईओ दिनेश त्यागी ने सीएससी की उपलब्धियों तथा सीएससी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के संबंध में व्याख्यान में कहा कि डीबीटी का मतलब डिजीटल डाॅक्टर, डिजीटल बैंकर और डिजीटल टीचिंग से भी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टस्म् स्वयं में एमडी(प्रबंध निदेशक ) बन सकता है। सीएससी के माध्यम से बैंकिंग, इंश्योरेंस तथा टेलीमेडिसीन का व्यवसाय भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाये कि सीएससी में फाईनेंशियल इनक्लूजन एक अहम हिस्सा है तथा इसके माध्यम से इस वर्ष 30 हजार लोगों ने 100 करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया है। पूरे देश में सीएससी के 2.80 लाख सेंटर हैं । अगर आप चाहें तो इंश्योरेंस, टेलीमेडिसीन तथा एजुकेशन के क्षेत्र में भी आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  उन्होंने कहा कि सीएससी के माध्यम से सबकुछ हो सकता है। जरूरत सिर्फ ईमानदारी से काम करने की है तथा सतत प्रयास करने की। उन्होंने झारखंड के टस्म् की सराहना करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी काम कैंसे करना है तथा किया जा सकता है, इसके लिये झारखंड के लोग एक उदाहरण हैं और झारखंड के बच्चों से अन्य प्रदेशों के लोगों को सीखने की जरूरत है। 

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सूचना एवं प्रोद्यौगिकी सचिव सतेंन्द्र सिंह ने कहा कि झारखंड में बिना फंडिंग के सीएससी संचालित हो रही है तथा सरकार प्रयास कर रही है कि ग्रामीण स्तर पर नेटवर्किंग का कार्य किया जाय। उन्होंने बताया कि भारतनेट फेज वन का कार्य तेजी से चल रहा है तथा फेज टू के लिये भारत सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। सिंह ने कहा कि गांव तक जब फाईबर आप्टीकल लाईन बिछ जायेगी तथा टूल की उपलब्धता के बाद समस्याओं को निदान तीव्र गति से किया जा सकेगा। सरकार ने सभी सखी मंडल को मोबाईल उपलब्ध करायें हैं जिसके माध्यम से समस्याओं को समाधान भी किया जा रहा है। 

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से आई तथा सीएसी कार्यों से 1989 से जुड़ी जनूजा रायचूड़ा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सीएसी से जुड़ने के बाद ही वो छोटे शहर में रहने के बाद आईकाॅन बनी हैं  तथा कीचड़ में कमल बनने की चाह से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। उन्होंने टस्म् को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छ काम कीजिये, ईमानदारी बनायें रखें  तथा महिलाएं पुरूषों को सहयोग करें  साथ ही गर्व करें कि हम सब डिजीटल इंडिया के सदस्य हैं तो सफलता आपके कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि टस्म् देश का एक ऐसा स्तंभ हैं  तथा ऐसा सेवा दे रहे हैं जिसके माध्यम से हम सब देश को भ्रष्टाचार मुक्त बना सकते हैं।  

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आये टस्म् रांची से तजमूल असंारी, दुमका के तौफिक अंसारी, पाकुड़ के शुमारी शेख , चतरा से शमशाद, धनबाद से ब्रजपाठक सहित देवघर के अरीजीत बसु, रांची के प्रवीण कुमार, हजारीबाग के अश्विनी कुमार  और ब्रजेश कुमार सहित पाकुड़ की पूनम देवी को उत्कृष्ट कार्य करने के लिये प्रमाण पत्र तथा मोबाईल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्वागत संबोधन आईटी विभाग के निदेशक यूपी साह ने किया। 

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