* फ़ोटो में ( बायें से दाएँ) मनोज प्रसाद, डॉ ओमेंद्र रत्नू, राँची के विधायक सीपी सिंह, आईएएस अधिकारी संतोष कुमार सत्पथी।
'माहाराणा: सहस्र वर्षों का धर्म युद्ध' पुस्तक के लेख डॉ ओमेंद्र रत्नू रांची में आये ओर चले गये।एक पुस्तक छोड़ कर। जिस पुस्तक को उन्होंने लिखा और राजस्थान के महाराणाओं को इतिहास के पन्ने में उनके छुपे हूये संघर्ष और गौरवशाली को समेट कर प्रस्तुत किया है।
ये पुस्तक है 'महाराणा:सहस्र वर्षों का धर्म युद्ध'। डॉ रत्नू का मानना है किसी भी समाज को अपना भविष्य उज्जवल बनाना है तो अपने इतिहास से प्रेरणा और सीख लेकर आगे का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
इतिहास सरकार और किताबों के आधार पर नहीं बल्कि सत्य घटनाओं के आधार पर बनते हैं। उनकी पुस्तक में धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए मेवाड़ के महाराणाओं के हजारों साल के संघर्ष और उनके गौरवशाली इतिहास को दर्ज किया गया है जिसकी दूसरे इतिहासकारों ने अनदेखी कर दी। यह इतिहास के साथ न्याय नहीं है।
हाल ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी पुस्तक का लोकार्पण किया है। डॉ रत्नू ईएनटी सर्जन होने के साथ-साथ संस्कृति, भारत के गौरवशाली इतिहास की रक्षा के लिए संघर्षरत योद्धा भी हैं।
उन्होंने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर भी एक किताब लिखी है। रविवार 26 जून को अपराहृन 2.30 बजे से 5.00 बजे तक, फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) भवन के दूसरे फ्लोर पर उनका एकल व्याख्यान हुवा।
संवाद में गण्यमान लोग उपस्थित थे।राँची के विधायक सीपी सिंह, आईएएस अधिकारी संतोष कुमार सत्पथी ओर वरिष्ठ पत्रकार मनोज प्रसाद ने भाग लिया।