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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि तय समय सीमा में घर-घर बिजली पहुंचाने का काम पूरा करें। नहीं कर सकते हैं, तो सरेंडर करें। हर मीटिंग में नयी तारीख नहीं मिलेगी। अब सरकार कार्रवाई करेगी। जो कंपनी काम नहीं करेगी, उसकी बैंक गारंटी जब्त करने के साथ ही उसके अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी। दिसंबर 2018 तक हमें घर-घर बिजली पहुंचाना है। इस काम में शिथिलता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं जायेगी। काम की प्रगति के अनुसार सरकार द्वारा कंपनियों को पेमेंट किया जा रहा है। किसी का पैसा नहीं रूकेगा। उक्त निर्देश उन्होंने झारखंड मंत्रालय में ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य करनेवाली एजेंसियों के साथ कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार कर कार्य करें। आजादी के इतने सालों के बाद भी सभी लोगों तक बिजली नहीं पहुंची है। हमारी सरकार केंद्र सरकार के नेतृत्व में हर घर को रोशन करने का काम कर रही है। गरीब के घर बिजली पहुंचाना पुण्य का काम है। इससे गांव-गरीब के जीवन में व्यापक बदलाव आयेंगे। जिन घरों में बिजली पहुंचा गयी है, वहां स्थितियां सुधरने लगीं हैं। बच्चे देर रात तक पढ़ते हैं। गांव में रात तक चहल पहल रहती है, जहां पहले दिन ढलते ही लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर होते थे
 बैठक में काफी धीमा कार्य करने के लिए आइएल एंड एफएस, अशोका बिल्डकोन और पेस पावर को विशेष तौर पर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। स्थितियां नहीं सुधरीं, तो इन कंपनियों को डिबार कर इनकी बैंक गारंटी जब्त कर इन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले माह की बैठक के बाद स्थितियां पहले की तुलना में सुधरी हैं। 9 अगस्त 2018 को फिर से इन कंपनियों के साथ बैठक की जायेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा विभाग के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार समेत अन्य अधिकारी व एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित थे।