आजादी का अमृत महोत्सव' वर्ष में - भारत की आजादी के 75 साल का उत्सव मनाने के लिए, झारखण्‍ड सरकार के सहयोग से विद्युत मंत्रालय ने झारखण्‍ड राज्‍य के चतरा/गिरीडीह/हजारीबाग देवघर सहित सभी 24 जिले में 'बिजली महोत्सव' का आयोजन दिनांक 25-31 जुलाई तक किया जा रहा है।

यह महोत्‍सव केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के बीच सहयोग और सांमजस्‍य से बिजली क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।

झारखंड में सभी जिलों में प्रशासन के सहयोग से यह कार्यक्रम डीवीसी आयोजित कर रही हुई।

देश में आज बिजली उत्पादन क्षमता के बारे में बताते हुए डीवीसी ने कहा कि 2014 में 2,48,554 मेगावाट से बढ़कर आज यह 4,00,000 मेगावाट हो गई है जो हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है।

कुल 1,63,000 सीकेएम पारेषण लाइनें जोड़ी गईं, जो पूरे देश को एक फ्रिक्‍वेंसी पर चलने वाले एक ग्रिड से जोड़ती है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। हम इस ग्रिड का उपयोग करके देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट बिजली पहुंचा सकते हैं।

देश ने पेरिस जलवायु सम्‍मेलन 2021 में वचन दिया था कि 2030 तक हमारी उत्पादन क्षमता का 40% नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होगा। हमने तय समय से 9 साल पहले ही नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया है।
आज हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 1,63,000 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं।

हम दुनिया में अक्षय ऊर्जा क्षमता तेज गति से स्थापित कर रहे हैं। 2,01,722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पांच वर्षों में वितरण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है - 2,921 नए सब-स्टेशन बनाकर, 3,926 सब-स्टेशनों का विस्तार, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाइनें स्थापित करना, इत्यादि।

2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति का औसत घंटे 12.5 घंटे था जो अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गया है। सरकार ने बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 पेश किए हैं जिसके तहत- नया कनेक्शन प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा अधिसूचित की गई है।
रूफ टॉप सोलर को अपनाकर उपभोक्ता अब अपनी जरूरतों के हिसाब से बिजली का उपभोग कर सकते हैं।

2018 में 987 दिनों में 100% गांव विद्युतीकरण (18,374) हासिल किया ।18 महीनों में 100% घरेलू विद्युतीकरण (2.86 करोड़) हासिल किया। जिसे दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में पहचाना गया।
सौर पंपों को अपनाने के लिए शुरू की गई योजना जिसके तहत - केंद्र सरकार 30% सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30% सब्सिडी देगी। साथ ही 30 फीसदी लोन की सुविधा मिलेगी।

बिजली महोत्सव पूरे देश में उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य - @2047 की छत्रछाया में मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जनभागीदारी हो और बिजली क्षेत्र के विकास को बड़े पैमाने पर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके।

इस अवसर पर झारखंड के 24 जिले में यह आयोजन होगा, जिसमें प्रशासन के अलावा स्थानीय जन प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

आगंतुकों और मेहमानों के साथ जुड़ने के लिए, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक और बिजली क्षेत्र पर सात लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन भी किया जाएगा। भीड़ की अपेक्षा को देखते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे सभी कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।


आजादी का अमृत महोत्सव भारत की आजादी के 75 साल और देश के लोगों की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने का एक पहल है।

इसके अन्‍तर्गत विद्युत मंत्रालय और एमएनआरई राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्‍य@2047 के तहत देशभर में विद्युत के क्षेत्र में हुई प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

गौरतलब है कि पूरे देश भर से ऊर्जा महोत्सव समारोह के समापन अवसर पर 30 जुलाई को पूरे देश भर से चुने गए 100 प्रमुख जिलों से प्रधानमंत्री संवाद स्थापित करेंगे। जिसमें झारखंड से भी दुमका, साहिबगंज, हजारीबाग, रांची तथा पूर्वी सिंहभूम जिलों को ग्रैंड फिनाले समारोह में 30 जुलाई को प्रधानमंत्री के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा।

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