झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस ने राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों की वस्तुस्थिति की शीघ्र जाँच करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी निजी विश्वविद्यालय यू.जी.सी. एवं सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी मान्यता रद्द करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई प्रारम्भ करें। 

उन्होंने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ समीक्षा बैठक में पाया गया था कि इनकी स्थिति ठीक नहीं है और उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को अति शीघ्र यू.जी.सी. एवं सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने एवं आधारभूत संरचना विकसित करने का निदेश दिया था। 

राज्यपाल  आज राज भवन में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्री के०के० खंडेलवाल, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी एवं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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राज्यपाल महोदय ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उसके पास पर्याप्त भूमि, भवन एवं आधारभूत संरचना उपलब्ध है। पूर्व के नियम जिसमें यह वर्णित था कि संचालन के 3 वर्ष में अपना भवन एवं आधारभूत संरचना की उपलब्धता में संशोधन करने हेतु एक मॉडल एक्ट निर्माण करने के लिए आदेश दिया। उन्होंने कहा कि छात्रहित में निजी विश्वविद्यालयों को संचालन के लिए सभी अहर्ताओं का पालन करना जरूरी है। 

राज्यपाल ने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के स्टैच्यूट निर्माण की अद्यतन समीक्षा करते हुए कहा कि दिनांक 23 मई, 2022 को आहुत बैठक में भी इसे अमल में लाने का निदेश दिया गया था। राज्यपाल महोदय को अवगत कराया गया कि झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के स्टैच्यूट निर्माण की संचिका कार्मिक विभाग में है, शीघ्र ही यह निर्मित हो जाएगा।

 राज्यपाल  ने नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का हस्तांतरण की अद्यतन समीक्षा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को शीघ्र ही भवन हस्तांतरित करें। माननीय राज्यपाल द्वारा झारखंड खुला विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक स्टैच्यूट का गठन करने का निदेश दिया गया। वर्ष 2010-2018 अवधि के लिए स्टैच्यूट के गठन की अद्यतन समीक्षा के क्रम में कहा गया कि इस संबंधी संचिका में वित्त विभाग की सहमिति प्राप्त कर ली गई है। वर्ष 2018 में गठित स्टैच्यूट में संशोधन के संदर्भ में भी चर्चा की गई और इसे जल्द ही मंजूरी दे दी जायेगी। 

राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड खुला विश्वविद्यालय के पास काम करने की कोई जगह नहीं है तो अगस्त माह से कैसे अधिकारी काम करेंगे। उन्होंने निदेश दिया कि झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैम्पस में एक भवन है जो किसी उपयोग में नहीं है, उसकी जल्द से जल्द आवश्यक मरम्मत करके उसे 3-4 माह के अंदर झारखंड खुला विश्वविद्यालय को दिया जाय ताकि वहां से उनका कार्य सुचारु रूप से चलाया जा सके।

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