अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के 30 वें स्थापना दिवस को अधिवक्ता परिषद् ,झारखण्ड की विभिन्न इकाईयां ""स्थापना-दिवस पखवारा"" के तौर पर मना रही हैं । 

इसके तहत झारखण्ड हाई कोर्ट इकाई द्वारा एक समारोह उच्च न्यायालय के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया. झारखण्ड हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता श्री अनिल कुमार कश्यप ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वागत भाषण दिया.

अपने स्वागत भाषण में कश्यप ने बताया कि अधिवक्ता परिषद् अधिवक्ताओँ का एक संगठित परिवार है जो कि "संघे शक्ति कलियुगे" के सिद्धांत पर चलता है तथा यह राष्ट्रहित और न्याय मम् धर्म: के बोध वाक्य को प्रतिपादित व क्रियान्वित कर उसको समाज में अधिवक्ताओं के द्वारा वास्तविक रूप से चरितार्थ करवाता है, जोकि इस कलियुग के लिए बहुत बड़ा और नेक काम है. 

परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार मिश्र, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे तथा उन्होंने परिषद् के स्थापना की पृष्ठभूमि पर सविस्तार वर्णन करते हुए परिषद् से जूड़े अनेक सदस्यों का स्मरण भी दिलाया । साथ ही विभिन्न आयामों और आगामी कार्ययोजना की विस्तृत चर्चा भी की ।

अधिविद्य परिषद्, झारखंड के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने परिषद् के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए समाज के अंतिम ब्यक्ति तक सुलभ ,नि:शुल्क व त्वरित न्याय दिलाने में परिषद् के प्रयासों का वर्णन करते हुए विभिन्न कानूनों में होने वाले जरूरी बदलाव के ऊपर भी प्रकाश डाला. 

वहीं दूसरी ओर झारखण्ड हाई कोर्ट के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल श्री अनिल कुमार ने वैसे बहुत सारे कानूनो की चर्चा की जिसके तहत महिलाओं एवं बच्चों को प्रताड़ित किया जाता था एवं यह बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर अधिवक्ता परिषद् के द्वारा इन कानूनों का विश्लेषण किया गया एवं वैसे सभी कानूनों को समाप्त करने का प्रस्ताव सरकार को दिया गया जिसके परिणाम स्वरुप आज के दिन वे काले कानून समाप्त कर दिए गए. 

 अधिवक्ताओँ को सप्ताह में कम से कम एक घंटा निकालकर इन विषयों पर परिषद् में चर्चा करनी चाहिए । समारोह में अपने विचार ब्यक्त करते हूए राष्ट्रीय परिषद् सदस्य प्रशान्त विद्यार्थी ने न्याय प्रवाह की अधिक से अधिक सदस्यता ग्रहण करने का आह्वान किया तथा यह बतलाया कि अधिवक्ता परिषद् के संस्थापक श्री दत्तोपंत जी ठेंगड़ी का 1992 में पढ़ा गया पहला भाषण हर अधिवक्ता को जरूर पढ़ना चाहिए जिसमें उन्होंने सामाजिक असमानता पर विशेष चर्चा की थी एवं अधिवक्ता परिषद् के स्थापना का उद्देश्य को उल्लेखित किया था . 

समारोह में झारखण्ड उच्च न्यायालय के जाने माने अधिवक्ता श्री मनोज टंडन ने अधिवक्ताओँ के लिए सभी विषयों पर जानकारी एवं उसपर विस्तार से चर्चा पर ज़ोर दिया तथा यह बतलाया कि अधिवक्ता परिषद् में नियमित होने वाला "स्टडी सर्किल" में इन्ही विषयों पर विस्तृत चर्चा होती है तथा इसमें शामिल होने पर जूनियर अधिवक्ता, सीनियर अधिवक्ताओँ से बहुत कुछ सीखते है तथा सीनियर अधिवक्ताओँ को भी चर्चा से पुनः अध्ययन हो जाता है इसलिए स्टडी सर्किल हर महीने होना चाहिए.

समारोह में विषय प्रवेश श्री सुनील कुमार ने करवाया वहीं अधिवक्ता परिषद् झारखण्ड हाई कोर्ट ईकाई के सचिव श्री प्रभात कुमार सिन्हा ने विस्तारित धन्यवाद ज्ञापन किया | समारोह का संचालन झारखण्ड हाई कोर्ट के अधिवक्ता श्री प्रवीण कुमार पाण्डेय के द्वारा किया गया.    

इस अवसर पर मुख्य रूप से झारखण्ड उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता श्री आर० एन० सहाय, वरीय अधिवक्ता श्री राजीव शर्मा, पूर्व असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल श्री राजीव सिन्हा, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल श्री प्रशांत पल्लव, हाई कोर्ट अधिवक्ता एसोसिएशन के महासचिव श्री नवीन कुमार, श्री धनंजय पाठक, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्री रीतेश कुमार बॉबी, श्री कृष्ण गोपाल निताई, श्री प्रमोद कुमार गुप्ता, श्री अखौरी अंजनी कुमार, श्री भीम महतो, टैक्सेशन ईकाई के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार व महामंत्री श्री सत्येन्द्र नाथ गोंझू, श्रीमती लीना मुख़र्जी, श्रीमती नीतू सिन्हा, श्री जितेन्द्र त्रिपाठी, श्री संजीव ठाकुर, श्री शिव कुमार शर्मा, श्री रवि प्रकाश के अलावा उच्च न्यायालय के अनेक गणमान्य आधिवक्ताओं सहित पुरुष एवं महिला अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

इसके पूर्व समारोह में आये सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर , उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओँ के द्वारा किया गया | कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया । यह जानकारी प्रदेश सह मीडिया प्रभारी रीतेश कुमार बॉबी के द्वारा दी गयी.

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