राज्यपाल रमेश बैस ने कौशल विद्या उद्यमिता, डिजिटल एवं स्किल विश्वविद्यालय विधेयक-2022 और अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय विधेयक-2022 को मंजूरी प्रदान कर दी है. कौशल विद्या उद्यमिता, डिजिटल एवं स्किल विवि राज्य सरकार और प्रेझा फाउंडेशन (पैन आइटी एलुमुनी रिच फॉर झारखंड फाउंडेशन) के सहयोग से चलेगा. इसका मुख्यालय खूंटी में होगा.
 
इस विवि से फिलहाल आठ पॉलिटेक्निक संस्थानों को जोड़ा जायेगा. यहां से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर आदि अन्य शैक्षणिक पाठ्यक्रम चलेंगे. इसके तहत अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की भी स्थापना होगी, जिसका मुख्यालय रांची में होगा. राज्य सरकार इटकी में जमीन उपलब्ध करा रही है. इस विवि से इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट आदि व्यावसायिक कोर्स शुरू होंगे.
 

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डिजिटल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राज्यपाल होंगे, जबकि विश्वविद्यालय में अध्यक्ष ही प्रमुख होंगे. इनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए नोडल एजेंसी द्वारा चयन समिति की अनुशंसा पर होगी. कुलपति की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए अध्यक्ष द्वारा चयन समिति की अनुशंसा पर होगी. जबकि, अन्य विश्वविद्यालय में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा कुलपति की नियुक्ति की जाती है. इसके अलावा विवि में कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, मुख्य वित्त और लेखा पदाधिकारी, डीन आदि की नियुक्ति होगी.

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी झारखंड का 16वां निजी विवि होगा. इसमें पांच प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए, जबकि 25 फीसदी सीटें झारखंड के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी. विवि को राज्य सरकार या केंद्र सरकार से कोई सहायता अनुदान या अन्य वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी. 

 

वीसी, प्रोवीसी, रजिस्ट्रार, शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. उद्यमिता में सीधे प्रवेश करने या स्टार्टअप के इच्छुक छात्रों को कैरियर-उन्मुख शिक्षा और कौशल प्रदान करना. ऑनलाइन शिक्षा व अन्य माध्यमों से विभिन्न पाठ्यक्रमों के जरिये छात्रों को जीवन भर प्रशिक्षण का अवसर देना, योग्यता आधारित कौशल और व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली तैयार करना, बाजार और उद्योग के अनुरूप व्यावहारिक, पेशेवर व कौशल आधारित प्रशिक्षण केंद्रित अध्यापन प्रदान करना प्रमुख है.

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