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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रिम्स राज्य की शान है। इसकी पहचान राष्ट्रीय पटल पर बनानी है। इसमें सभी लोगों का सहयोग जरूरी है। रिम्स में कर्तव्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अस्पताल में हड़ताल नहीं की जानी चाहिए। चाहे डॉक्टर हो या कोई कर्मचारी। किसी प्रकार की समस्या हो, तो निदेशक के पास बात रखें। चिकित्सक का काम केवल मरीजों की सेवा करना है। प्रबंधन का काम देखने के लिए अपर निदेशक की नियुक्ति की गयी है। साफ-सफाई, मरीजों के लिए खाना आदि की व्यवस्था देखना प्रबंधन का काम है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने रिम्स में नवनिर्मित पेईंग वार्ड के उदघाटन और खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बाद कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल द्वारा बनाये गये नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। रिम्स के किसी भी चिकित्सक को अलग से क्लिनिक में मरीज देखने की इजाजत नहीं मिलेगी। सरकार इसकी जांच करा रही है कि कौन-कौन चिकित्सक बाहर भी क्लिनिक में मरीज देखते हैं। यहां परिसर में चल रहे जांच केंद्रों को भी बंद कराया जायेगा। सरकार ने रिम्स के चिकित्सकों की मांग पर प्रमोशन दिया और तनख्वाह भी बढ़ा दी है और तनख्वाह बढ़ा देगी, लेकिन बाहर काम करने की इजाजत नहीं मिलेगी। एक-दो लोगों के कारण पूरे अस्पताल की बदनामी नहीं होनी चाहिए। पिछले दिनों रिम्स में जो घटना घटी वह दुखद है। इससे राज्य की छवि खराब होती है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में मरीजों के परिजनों के लिए भी नियम बनेगा। चिकित्सक प्रतिदिन दो घंटा वार्ड घुमें। इसके बाद दो घंटा ओपीडी में बैठें। मरीजों के परिजनों को सुबह और शाम केवल दो-दो घंटे विजीट करने की अनुमति रहेगी। इससे मरीज और डॉक्टर को शांति का माहौल मिलेगा, जिससे इलाज अच्छी तरह से हो पायेगा। इससे रिम्स का भी गौरव बढ़ेगा। हमारे अंदर क्षमता है, जरूरत केवल जुनून और लगन के साथ काम करने की है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में भी हमारे नौनिहालों की अच्छी सेवा होनी चाहिए। यह संस्कार का मंदिर है। मातृत्व मृत्युदर में झारखंड राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है। यह हमारे लिए कलंक है। इस कलंक को मिटाने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले चार सालों में राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं। आजादी के 67 साल के बाद भी हमारे यहां तीन ही मेडिकल कॉलेज थे। पिछले चार साल में तीन नये मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू किया गया। अगले साल से इनमें सत्र शुरू हो जायेगा। इसी तरह हमारे यहां 300 बच्चे ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर पा रहे थे, जो संख्या अब बढ़ कर 600 बच्चे की हो गयी है। खसरा-रूबेला टीकाकरण की शुरुआत कर झारखंड देश के प्रमुख राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य में टीकाकरण कवरेज जहां केवल 8.8 प्रतिशत था, वह आज 90 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है।

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कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, विधायक डॉ जीतूचरण राम, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, अभियान निदेशक कृपानंद झा, अपर निदेशक हर्ष मंगला, अभियान के ब्रांड अंबेसडर सौरभ तिवारी समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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