झारखंड राज्य सरकार, झारखंड शिक्षा परियोना परिषद, यूनिसेफ और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के सहयोग सेदिनांक 27 से 29 दिस्मबर 2022 होटल BNR चाणक्या, रांची में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” पर राज्य स्तरीय सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है I 

इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य आनेवाले वर्षों में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत मूलभूत साक्षरता को सुदृढ़ करने हेतु राज्य में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शुरूआती कक्षाओं में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” के लिए रणनीति एवं योजना का निर्माण करना है I

इस “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” सम्मेलन के दूसरे दिन 28 दिसम्बर को मुख्य अतिथि श्री रवि कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा और साक्षरता, डॉक्टर अविनव कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एवं श्रीमति सुनीशा आहूजा, शिक्षा विशेषज्ञ यूनिसेफ दिल्ली, श्रीमति पारुल शर्मा, शिक्षा विशेषज्ञ यूनिसेफ झारखंड, शक्ति ब्रतासेन,रूम टू रीड और भाग्यलक्ष्मी बालाजी, रूम टू रीड तथा लेंग्वेज एंड लर्निंग फाउन्डेशन से डॉ. धीर झिंगरन भीउपस्थित रहे I

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मुख्य अतिथि श्री रवि कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा और साक्षरता, ने बच्चों की घर की भाषा या मातृभाषा आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए कहा की बच्चों की मातृभाषा को आधार बनाकर उसे सीखने – सिखाने की प्रक्रिया में शामिल करने से बच्चें दूसरी भाषा भी सीखसकते है I

रूम टू रीड संस्था से श्री सक्तिब्रता सेन ने मध्य प्रदेश के बरवानी और राजस्थान के सिरोही ज़िले में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बहुभाषी शिक्षा पर किये हुए कार्य और संशोधन से मुख्य बाते साझा करते हुए झारखंड में भी किये गए संशोधन को आधार बनाकर बहुभाषी शिक्षा पर योजना बनाकर कार्य करने की जरुरत पर अपने विचार साझा किए I

लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन से डॉ. धीर झिंगरन ने उनके छतीसगढ़ के बस्तर जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा पर कार्य करने के अनुभव साझा करते हुए इस पर बात पर ज़ोर दिया की झारखंड में अब कम से कम आनेवाले 3 से 5 सालों में बहुभाषी शिक्षा पर सुनियोजित तरीके से कार्य करने की जरुरत है।

इसी के साथ सम्म्लेलन में झारखंड के अलग अलग क्षेत्र से आये हुए शिक्षक और अन्य अधिकारीयों ने छोटे छोटे समूह में बहुभाषी शिक्षा से जुड़े विषय जैसे शिक्षको का क्षमता वर्धन, पठन सामग्री, सीखने – सिखाने की प्रक्रिया, समुदाय की भागीदारी जैसे विषयों पर कैसे कार्य किया जाये इस पर चर्चा की और अपने विचार और रणनीति को साझा किया I

तीसरे दिन भी रूम टू रीड, यूनिसेफ, छतीसगढ़ राज्य, NCERT, राँची यूनिवर्सिटी, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी और अन्य शिक्षिक संस्थाओं के प्रतिनिधिओं ने भी “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” पर अपने अनुभव को साझा करते हुए आगे की रणनीति बनाने पर कार्य करेंगें ।

आज दुसरे दिन के इस सम्मेलन में भी पारुल शर्मा, यूनिसेफ झारखंड, सूरज पाण्डेय, राज्य समन्वयक, रूम टू रीड,  पिरामल, सम्पर्क फाउंडेशन, प्रथम संस्था के प्रतिनिधि, अभिभावक एवं शिक्षकगणों ने प्रतिभाग किया ।  

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