राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव आयोजित करने का उद्देश्य यही है कि क्षेत्रीय कारीगरों को "हम किसी से कम नहीं" दिखाने का मंच प्रदान किया जाए। पूरे देश की स्वदेशी ताकत जब एक मंच पर होगी तभी हम क्षेत्रीय कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को देश एवं विदेशों तक पहुंचा सकेंगे। 

ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव में कई राज्यों के स्वदेशी उत्पाद खरीदने और देखने को मिलेंगे। झारखंड की महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने भी इस महोत्सव में कई स्टॉल लगाएं हैं जहां राज्य के 24 जिलों के बने उत्पाद खरीदने को मिलेंगे। 

इस महोत्सव में ग्रामीण क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा निर्मित खाने-पीने, पहनने तथा कारीगरों द्वारा बनाई गई खटिया, कुर्सी, पलंग इत्यादि कई प्रकार की वस्तुओं को मार्केट के साथ-साथ उत्पादों के ब्रांडिंग का भी मौका मिल रहा है। 

उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज मोरहाबादी मैदान में आयोजित राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर कहीं।

-----------------------------Advertisement------------------------------------

*राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों के अनुरूप खादी ग्रामोंद्योग को बढ़ावा देने का प्रयास*

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से हमारी सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन कर रही है। लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले इस निमित्त हम निरंतर प्रयासरत हैं। राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव से क्षेत्रीय शिल्पकारों एवं कारीगरों को नई ऊर्जा के साथ-साथ उन्हें आत्मबल तथा सम्मान मिल रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव के नाम से ही यह प्रतीत होता है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों के अनुरूप खादी ग्रामोंद्योग को देश एवं राज्य में कैसे बढ़ावा मिले। किस प्रकार ग्रामोंद्योग के दायरे को बड़ा रूप दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग अधिक से अधिक कैसे हो यह प्रयास सभी का होना चाहिए। 

सवा सौ करोड़ जनसंख्या वाले देश में  लोग अधिक से अधिक खादी इस्तेमाल करें तो राज्य एवं देश से बेरोजगारी घटेगी तथा खादी का विस्तार बृहद रूप से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ खादी उद्योग में भी नई तकनीक का उपयोग कर वैल्यू एडिशन किया जा सकेगा। नई सोच के साथ स्वदेशी चीजों को आगे बढ़ाना आवश्यक है तभी रोजगार का सृजन बड़े पैमाने पर हो सकेगा।

*नई जोश, नई उमंग और नई उत्साह के साथ महोत्सव का हो रहा है आयोजन*

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि लगभग 03 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से कई उत्सव तथा महोत्सव बाधित हुई है। अब जब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है उसी क्रम में इस महोत्सव का आयोजन नई जोश, नई उमंग और नई उत्साह के साथ किया गया है। यह महोत्सव राज्य वासियों को उत्साहित करने के लिए तैयार है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग इस महोत्सव का आनंद लें तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी भागीदारी निभाएं। मौके पर मुख्यमंत्री तथा अन्य विशिष्ट अतिथिगणों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने महोत्सव में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों  का परिभ्रमण किया तथा स्टॉल संचालकों से बातचीत कर उनके कार्यों की सराहना की और उनका हौसला अफजाई किया।

इस अवसर पर श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, महापौर रांची श्रीमती आशा लकड़ा, सांसद श्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, विधायक रांची श्री सी.पी.सिंह, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव कार्मिक विभाग श्रीमती वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रशांत कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

must read