ये 60: 40 क्या है कोई  नहीं जानता.उसी तरह 32 का मतलब है 1932 में अंग्रेज द्वारा बनाया लैंड रिकॉर्ड्स जिसके आधार पर हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में नियोजन नीति तय की थी और वो कोर्ट द्वारा मान्य नहीं था.

वैसे में झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान विपक्ष नियोजन नीति को लेकर लगातार मुख्यमंत्री पर जवाब देने का दबाव बना रहा रहा था. 

लेकिन आज मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने अब इस मामले में जवाब देने से पहले ही सदन में सवाल उठाए.

सोरेन का सवाल था कि विपक्ष आखिर पहले ये बताए की “आप 32 के समर्थक है या 60 :40 के”.

“यदि आप 32 के समर्थक है तो कोर्ट क्यों जाते है”. 

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस विषय पर मैं बाद में विस्तार से बोलूंगा, हमारे पास भी तथ्य है.
 
उसके अलावा हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा ठप है, ये देश मे पहला मौका है जब सत्ता पक्ष ने लोकसभा को हाई जेक कर रखा है. झारखंड में भी ये लोग यही चाहते है कि सदन कि कर्रवाही रूकी रहे. इसके बाद कल सदन की वीडियो वायरल करने पर मुख्यमंत्री ने स्पीकर से कार्रवाई की मांग की.

मनीष जायसवाल के कुर्ता फाड़ प्रदर्शन पर कहा कि ये लोग कपड़ा फाड़ कर राम भक्ति दिखाते है. उनको मालूम हो कि राम अल्लाह गॉड सब देख रहा है.
आगे सीएम ने कहा कि कल हमने राम मंदिर के लिए सौंदर्यीकरण का काम किया. 

इसके एवज में हमने कोई प्रचार प्रसार नहीं किया. हम विरोधियों के करतूत को जनता को बताएंगे. वहीं अमर बाउरी के द्वारा दिए गए नियोजन नीति के भाषण पर सीएम की टिप्पणी "ये ऐसे बोलते है जैसे रो रहे है". आगे सीएम ने कहा कि इनको भेष बदलना आता है इनके पास और कोई काम नही है. वहीं स्थानीयता मामले पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि स्थानीयता नियोजन पर मैं जवाब दूंगा.
 
इसके बाद सीएम ने बीजेपी के विधायकों को कहा कि आप लोग जब 32 खातियाँन आता है तो भागते हुए कोर्ट क्यों जाते है. जब सरकार 60 :40  की नियोजन नीति लाती है तो सदन क्यों नहीं चलने देतें है. 

“मुंह पे राम बगल में छुरी”. ऐसे नहीं चलेगा. वहीं सीएम ने ईको सेंसिटिव जोन के सवाल पर कहा कि इसे लेकर केंद्र को रिपोर्ट भेजी है अब केंद्र की तरफ से देरी हो रही है और इन दिनों केंद्र और राज्य सरकार के संबंध कैसे है ये किसी से छुपा नही है.
 
वहीं हेमंत सोरेन ने विपक्ष के जारी हंगामें को लेकर कड़े शब्दों में कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के लोग ही लोकसभा को नहीं चलने दे रहे हैं. 

दिल्ली की लोकसभा को जैसे सत्ता पक्ष ने हाई जैक किया हुआ है वही ये लोग झारखंड विधान सभा में यही चाहते है. 

इसके बाद सीएम ने स्पीकर से कहा कि पिछले कई दिनों से विधानसभा की कर्रवाही पर अवरोध करने के कारण इनपर कड़ा एक्शन लिया जाए. इन लोगों पर सदन की अवमानना की कार्रवाई की जाए. 
 

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