बुधवार 22 मार्च को गिरिडीह में पुलिस द्वारा छापेमारी के दौरान हुई शिशु की मौत की घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दिए.

अब ये मुद्दा सियासी रंग ले ली है. कथित रूप से पुलिस के पैरों तले कुचने के कारण हुई नवजात की मौत पर बीजेपी  ने सरकार और पुलिस पर कड़ा हमला बोला है. बता दें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पुलिस द्वारा कथित इस अपराध को ‘जघन्य’ करार दिया. 

गिरीडीह से आयी यह रोंगटे खड़े करने वाली शर्मनाक खबर झारखंड की पुलिस ही नहीं पूरे निरंकुश एवं राक्षसी सरकार की कार्यशैली का जीता जागता प्रमाण है।

ट्वीट किया बीजेपी नेता बाबूलाल मरण्डी. ट्वीट में लिखा “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, इस खबर का संज्ञान लीजिये। इससे पहले की लीपापोती का प्रयास शुरू हो, इन पुलिस वालों पर एफ़आइआर कर जेल…”

बाबूलाल ने ट्वीट कर दोषीयों पर और तत्काल कार्रवाई नहीं करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है. इसके अलावा मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की. अपने ट्वीट में उन्होने कहा कि , मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कुछ तो शर्म कीजिए. रांची से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजिए.
 
सबसे पहले प्राथमिकी दर्ज करवाइए और नवजात को मारने वाले पुलिसकर्मियों को जेल भेजिए. आगे बाबूलाल ने कहा कि यदी ऐसा नहीं हुआ तो आप भी चार दिन के बच्चे की ‘सरकारी हत्या’ के पाप से बच नहीं पाएंगे. 

इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले) के विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में मामला उठाते हुए इस घटना के संबंध में गहन जांच की मांग की और घटना सच पाए जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. 

तथ्य तो ये है की गिरिडीह में एक आरोपी की खोज में छापेमारी के दौरान कथित रूप से पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर एक चार दिन के नवजात शिशु की बुधवार को मौत हो गई थी.

इसपर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. आनन फानन बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.बता दें ये घटना गिरिडीह में देवरी थाना क्षेत्र के कोशोदिन्घी गांव में हुई.
 
यहां बुधवार को जब पुलिसकर्मी एक गैर जमानती वारंट के मामले में दो लोगों को पकड़ने के लिए एक आरोपी के घर पर पहुंचे थे. वहीं छानबीन के दौरान नवजात की कथित रूप से पुलिस वालों के पैरों से कुचलकर मौत हो गयी थी.इस घटना के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है.
 
वहीं मामले की जानकारी देते हुए गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित रेणू ने कहा, कि ‘आरोप है कि अदालत की ओर से जारी दो गैर-जमानती वारंट की तामील में जब पुलिस वहां पहुंची तो चार दिन के बच्चे की मौत हो गई. प्रथम दृष्टया बच्चे के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं. इसे पोस्टमॉर्टम जांच के लिए भेज दिया गया है.’
 
इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं. वीडियो में भूषण पांडेय नामक एक व्यक्ति को यह आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मियों ने सुबह तीन बजकर 20 मिनट पर उनके घर पर छापा मारा और दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने बल प्रयोग कर दरवाजा खोल दिया.
 
वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने दावा किया, ‘मैं वहां से भाग गया और महिलाएं भी बाहर निकल आईं.  पुलिसकर्मी जब वहां तलाशी ले रहे थे तब घर के अंदर चार दिन का बच्चा सो रहा था. बच्चे को उन्होंने कुचलकर मार दिया.’
 

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