अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में लगभग तीन वर्षों के भीतर 100 से अधिक स्टार्टअप हो गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, जैवप्रौद्योगिकी ( बायोटेक ) स्टार्ट –अप्स लगभग 50 से बढ़कर लगभग 6,000 हो गए हैं  ।

ये बात आज डॉ. जितेंद्र सिंह राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित "राष्ट्रीय नवप्रवर्तन पुरस्कार (नेशनल इनोवेशन अवार्ड्स)" वितरण के लिए आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे ।

जिसमें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा "जमीन से जुड़े नवप्रवर्तकों"  (ग्रासरूट इनोवेटर्स) को पुरस्कृत किया गया।

मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 350 स्टार्ट-अप्स ही थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लाल किले की प्राचीर से आह्वान करने और 2016 में विशेष स्टार्ट - अप योजना शुरू करने के बाद से, आज स्टार्ट – अप्स की संख्या, 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ 90,000 से अधिक हो गयी है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में लगभग तीन वर्षों के भीतर 100 से अधिक स्टार्टअप हो गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, जैवप्रौद्योगिकी ( बायोटेक ) स्टार्ट –अप्स लगभग 50 से बढ़कर लगभग 6,000 हो गए हैं  ।

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