समाज का भविष्य कैसा बनाना चाहते है, यह महिलाओं के विकास से ही निर्धारित होगा। आधी आबादी को सशक्त बनाकर ही गांव और समाज को विकसित बनाया जा सकता है। 

उक्त बातें उषा मार्टिन के वरीय अधिकाारी एवं विकास तथा प्रशिक्षण की हेड सोनाली सरकार ने कहीं। झारखंड सरकार के उद्योग विभाग की संस्था मिनी टूल रूम द्वारा ग्रामीण महिला सशक्तिकरण सम्मान प्राप्त करने के बाद वह बोल रही थीं। संस्था की ओर से कंपनी को सर्टिफिकेट आॅफ एपरिसिएशन का प्रमाण पत्र दिया गया। 

सोनाली सरकार ने कहा कि महिला शक्ति को अपनी क्षमता की पहचान करनी होगी। इसके बाद घर से बाहर निकलकर प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल विकास करना होगा, ताकि वह एक साथ घर और बाहर की दोहरी भूमिका को सफलतापूर्वक निर्वहन कर सके। उन्होंने कहा कि उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के माध्यम से टाटीसिलवे के इर्द गिर्द के गांवों की महिलाओं को विभिन्न प्रशिक्षण एव कौशल विकास से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर हो सके। 

इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य एम0के0 गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में रोजगार करना हो  या स्वरोजगार। प्रशिक्षण जरूरी है। इसके माध्यम से ही हम अपने अंदर छिपे हुनर और ताकत को पहचान सकेंगे। उषा मार्टिन ग्रामीण विकास के लिए महिला सशक्तिकरण को पिछले एक साल से जो अभियान चला रहा है, वह काबिलेतारीफ है।

फाॅउंडेशन के हेड डाॅ मयंक मुरारी ने कहा कि अभी तक तीन सौ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को खेती-बारी, मशरूम, मछली एवं मुर्गी पालन से जोड़ा गया है। इसके अलावा 70 से अधिक महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, कप-प्लेट निर्माण एवं अन्य स्वरोजगार के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। 

अभी कंपनी के माध्यम से पलंबर और सिलाई एवं फैशन टेक्नोलाॅजी के दो कोर्स चलाये जा रहे हैं। इस अवसर पर गांव की महिलाओं ने अपना विचार रखा। कार्यक्रम का संचालन मंगल टोप्पो ने किया। इस अवसर पर वरुण कुमार, राहुल उरांव सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

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