प्रतिष्ठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रसिद्ध हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस को 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से की। आईएफएफआई 54, वैश्विक सिनेमाई कैलेंडर में एक उल्लेखनीय कार्यक्रम है, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता, उनकी पत्नी प्रख्यात अभिनेत्री और समाजसेवी कैथरीन ज़ेटा जोन्स और उनका पुत्र अभिनेता डायलन डगलस सम्मिलित होंगे। भारतीय फिल्म निर्माता और परसेप्ट लिमिटेड तथा सनबर्न म्यूजिक फेस्टिवल के संस्थापक शैलेन्द्र सिंह, जो भारतीय फिल्म उद्योग में अपने 25 साल पूरे होने का समारोह मना रहे हैं,  भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक्स पर इसकी घोषणा करते हुए माइकल डगलस, उनकी पत्नी कैथरीन ज़ेटा जोन्स और उनके पुत्र डायलन डगलस का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि माइकल डगलस का भारत के प्रति प्रेम सर्वविदित है और भारत अपनी समृद्ध सिनेमाई संस्कृति तथा अनूठी परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए उत्सुक है।

1999 में 30वें आईएफएफआई में गठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिनके असाधारण योगदान ने सिनेमा की दुनिया को अत्यंत समृद्ध और उन्नत बनाया है। फिल्म उद्योग की दिग्गज शख्सियत माइकल डगलस ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और कला के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से विश्व स्तर पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

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माइकल डगलस का एक उल्लेखनीय करियर रहा है, उन्होंने दो अकादमी पुरस्कार, पांच गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और एक एमी पुरस्कार हासिल किया है। 'वॉल स्ट्रीट (1987)', 'बेसिक इंस्टिंक्ट (1992)', 'फॉलिंग डाउन (1993)', 'द अमेरिकन प्रेसिडेंट (1995)', 'ट्रैफिक (2000)' और 'बिहाइंड द कैंडेलब्रा (2013) ' जैसी अविस्मरणीय फिल्मों में उनकी अद्वितीय भूमिकाओं ने सिनेमा के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने "वन फ़्लू ओवर द कूकूज़ नेस्ट (1975)", "द चाइना सिंड्रोम (1979)" और "द गेम (1999)" जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित कई फिल्मों का भी निर्माण किया है। 1998 में, परमाणु अप्रसार और छोटे हथियारों तथा हल्के हथियारों के अवैध व्यापार को रोकने सहित निरस्त्रीकरण मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र का शांति दूत नियुक्त किया गया था। विशेष रूप से, उन्हें इस वर्ष की शुरुआत में कान्स फिल्म फेस्टिवल में मानद पाम डी'ओर से सम्मानित किया गया था, जो वैश्विक फिल्म जगत पर उनके स्थायी प्रभाव का एक बड़ा प्रमाण है।

कैथरीन ज़ेटा जोन्स, जो अपने आप में एक कुशल अभिनेत्री हैं,  सिनेमा में अपने उत्कृष्ट योगदान और मानवसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए विख्यात हैं। उनके उल्लेखनीय करियर में "ट्रैफिक (2000)", "शिकागो (2002)" और "द मास्क ऑफ ज़ोरो (1998)"  जैसी फिल्मों में अविस्मरणीय अभिनय शामिल हैं,  जिससे उन्हें आलोचकों की प्रशंसा और अनगिनत सराहनाएं प्राप्त हुई। वह एक अकादमी पुरस्कार विजेता हैं और एक ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आर्ट्स (बाफ्टा) पुरस्कार भी प्राप्त किया है। 

इस वर्ष की शुरुआत में एक उल्लेखनीय कार्यक्रम में, माइकल डगलस को कान्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान मार्चे डू फिल्म में इंडिया पवेलियन में सम्मानित किया गया था, जो फिल्म उद्योग पर उनके वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करता है।

संवाद सत्र

54वें आईएफएफआई के हिस्से के रूप में, माइकल डगलस और कैथरीन ज़ेटा जोन्स भी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता, शैलेन्द्र सिंह द्वारा आयोजित एक विशेष संवाद सत्र में भाग लेंगे। भारतीय सिनेमा में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध श्री सिंह  परसेप्ट लिमिटेड और सनबर्न म्यूजिक फेस्टिवल के संस्थापक हैं। "फिर मिलेंगे" (2004)  और "कांचीवरम" (2008)  सहित उनकी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों ने व्यापक पहचान हासिल की है और सर्वश्रेष्ठ फिल्म (कांचीवरम) के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है।

सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से इससे पूर्व कई अन्य प्रमुख फिल्मी हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें बर्नार्डो बर्तोलुची (आईएफएफआई 30), कार्लोस सौरा (आईएफएफआई 53), मार्टिन स्कॉर्सेस (आईएफएफआई 52), दिलीप कुमार (आईएफएफआई 38), क्रिज़्सटॉफ ज़ानुसी (आईएफएफआई 43) और वोंग कार -वाई (आईएफएफआई 45) जैसे दिग्गज कलाकार शामिल हैं। 

54वां आईएफएफआई के सिनेमाई उत्कृष्टता का एक भव्य कार्यक्रम होने की उम्मीद है, क्योंकि यह माइकल डगलस, कैथरीन ज़ेटा जोन्स और शैलेन्द्र सिंह की असाधारण उपलब्धियों को सम्मानित करेगा।

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