झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने आज एक प्रेस बयान जारी कर  झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में हुए 109 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में चीफ फाइनेंस ऑफिसर का नाम अभी तक प्राथमिकी में नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, "यह मामला निगम की वित्तीय स्थिति के साथ-साथ राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए भी खतरनाक है। ऐसे में चीफ फाइनेंस ऑफिसर मधुप कुमार को अभी तक नामजद नहीं किया जाना गंभीर सवाल उठाता है।"

अजय राय ने आगे कहा, "इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए, न कि विभागीय जांच। विभागीय जांच से मामले की गंभीरता को कम करने की कोशिश की जा सकती है।"

उन्होंने बताया कि पूर्व में भी प्राथमिक में नामदज जयंत कुमार के कार्यकाल में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था, लेकिन अभी तक एक अनस्किल्ड कर्मी के गिरफ्तारि  के अलावा कही कुछ नहीं हुआ , जबकि यह सारा खेल जयंत कुमार के अधीन ही हुआ था। इससे वर्तमान में हुए 109 करोड़ के फर्जी निकासी को लेकर ऊर्जा निगम मुख्यालय से लेकर पूरे विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

 

अजय राय ने मांग की है कि:

1. चीफ फाइनेंस ऑफिसर मधुप कुमार को तुरंत नामजद किया जाए।

2. मामले की न्यायिक जांच हो।

3. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधीन होने वाले इस  विभाग में इतने बड़े पैमाने पर हुए फर्जी निकासी मामले में"हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।"

 

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