राज्य में संचालित सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के लिए नवचयनित स्कूल प्रबंधको के लिए आज झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस दौरान कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री शशि रंजन ने स्कूल प्रबंधको को विद्यालयों में 'स्टैंडर्ड ऑफ़ टीचिग' पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में जिस पृष्ठभूमि से बच्चे पढ़ने आते है, उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करना चुनौती भरा कार्य जरूर है, मगर इसे एक अवसर की तरह देखते हुए हमें असंभव को भी संभव में बदलकर दिखाना है।
उन्होंने नवनियुक्त विद्यालय प्रबंधको से अपने अनुभव के आधार पर स्कूल की शैक्षणिक वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाने और विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु तत्पर रहने का निर्देश दिया। श्री शशि रंजन ने कहा कि हमारे पास बेहतर शिक्षक है, वे अपना योगदान विद्यालय के शिक्षा को उत्कृष्ट बनाने में दे रहे है।
ऐसे में कुशल और अनुभवी विद्यालय प्रबंधक शिक्षकों के साथ मिलकर आने वाले समय में राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव ला सकते है। उन्होंने प्रबंधको को निरंतर विद्यालय के आंकलन और प्रोग्रेस की समीक्षा का निर्देश दिया।
 श्री शशि रंजन ने कहा कि विद्यालयों में बदलाव की समीक्षा के लिए राज्यस्तरीय तंत्र विकसित किया गया है जो सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में हो रहे बदलावों का निरंतर अनुश्रवण करेगी।
*आने वाली चुनौतियों के अनुरूप स्कूल प्लान निर्धारित करे*
श्री शशि रंजन ने कहा कि आने वाले वर्षो में हमारे बच्चे सीबीएससी बोर्ड की परीक्षा देंगे। ऐसे में यह एक चुनौती भी है कि शत प्रतिशत रिजल्ट हम कैसे प्राप्त करे।
विद्यार्थियों और स्कूल की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए 'स्कूल प्लान' तैयार करे। दिसंबर और जनवरी में प्री बोर्ड परीक्षाएं होंगी। स्कूल की सफलता ही स्कूल प्रबंधको के कार्यो का मानक स्थापित करेंगे। हर एक सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस एक प्रकाशस्तंभ के रूप में अन्य विद्यालयों के लिए मिसाल बने।