सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में प्रयोगात्मक मानसिकता, नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में मिलेगी सहायता* 

*STEM के तकनीकों एवं नवीनतम शैक्षणिक उपकरणों का प्रयोग कर विद्यार्थियों में गणित एवं विज्ञान के प्रति रूचि विकसित करने के लिए चलाया जा रहा है iRISE कार्यक्रम* 

*सरकारी स्कूलों के बच्चो के बीच इंस्पायर अवार्ड के लिए पंजीकरण को दिया जाएगा बढ़ावा*

*iRISE कार्यक्रम को IISER पुणे के सहयोग से कार्यान्वित करने वाला झारखंड देश का चौथा राज्य बना*  

झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चो को STEM के तकनीकों एवं नवीनतम शैक्षणिक उपकरणों का प्रयोग कर गणित एवं विज्ञान के प्रति उनकी रूचि विकसित करने के उद्देश्य से राज्य के विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को iRISE (Inspiring India In Research Innovation In STEM Education) कार्यक्रम के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

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iRISE कार्यक्रम के चार स्ट्रैंड्स हैं और उनमें से एक 'टीचर डेवलपमेंट स्ट्रैंड (TDS)' है, जिसके अन्तर्गत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस परियोजना को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार), रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, ब्रिटिश काउंसिल, टाटा ट्रस्ट और टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा संचालित किया जा रहा है। 

iRISE कार्यक्रम के विभिन्न चरण हैं, जिसके प्रथम चरण में राज्य के चयनित शिक्षकों को 3 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया। तत्पश्चात प्रथम चरण में प्रशिक्षित शिक्षकों में से कुछ शिक्षकों का चयन उनके कक्षा में की गयी गतिविधियों के आधार पर किया गया। 

दूसरे चरण के तहत अब चयनित शिक्षक 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान (पुणे) जाएंगे। 10 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को Innovation Champion (IC) के नाम से जाना जाएगा। 

उसके बाद तीसरा चरण शुरू होगा, जिसमे सभी Innovation Champions (ICs), IISER Pune की सहायता से अपने संबन्धित जिले में दिवस आधारित कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी विद्यालयों को एक किट भी उपलब्ध कराया जाएगा, जो विद्यालय में गतिविधि कराने हेतु शिक्षकों के लिए काफी मददगार साबित होगा।

*वर्तमान में पांच जिलों के 74 शिक्षक चयनित* 

iRISE कार्यक्रम के अंतर्गत आज पांच जिलों के 74 शिक्षकों का प्रशिक्षण समाप्त हुआ। जिन पांच जिलों के शिक्षकों का चयन हुआ है उनमे गढवा, लातेहार, पलामू, गिरिडीह और हजारीबाग शामिल है। 

रांची में आयोजित इस कार्यशाला में चयनित शिक्षकों को राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री शशि रंजन, निदेशक झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, (JCERT) और राज्य परियोजना अधिकारी श्री अभिनव कुमार का मार्गदर्शन मिला। 

इस कार्यशाला में IISER पुणे से राज्य समन्वयक श्रीमती शिवानी पल्स, श्री अक्षय कुलकर्णी, श्रीमती वैष्णवी कुलकर्णी, जाहिदा शेख, श्रीमती शुभांगी वाघ और मोहम्मद तकी उपस्थित रहे।  

*झारखंड बना चौथा राज्य, 'इंस्पायर अवार्ड' के लिए अधिक से अधिक पंजीकरण को मिलेगा बढ़ावा* 

उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों में आलोचनात्मक सोच और प्रयोगात्मक मानसिकता को प्रोत्साहित कर नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ाना है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची द्वारा सरकारी स्कूलों में बनाये गए इंटीग्रेटेड लैब/ विज्ञान प्रयोगशालाओं/STEM लैब में आधुनिक मॉडल्स, गतिविधियों से शिक्षकों को अवगत कराना और उसे करके दिखाना है। 

राज्य के विद्यार्थियों का इंस्पायर अवार्ड्स – मानक में भी ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराना है, जो कि देश के बच्चों को नवाचार में बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) की एक दूरगामी योजना है। प्रशिक्षण में रटने की जगह समझने की प्रवृति को प्राथमिकता दी गई है। 

इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चे गणित और विज्ञान के संबंध में आस - पास के माहौल से जुड़कर तथा दैनिक जीवन की घटनाओं के आधार पर व्यवहारिक शिक्षा ग्रहण कर सके । पूछताछ और गतिविधि आधारित तथा विज्ञान एवं गणित को अन्तर्विषयक (Interdisciplinary) बना कर बच्चों तक पहुंचाया जा सके। 

महाराष्ट्र, बिहार, और उत्तराखंड की सफलता के बाद झारखंड चौथा राज्य है, जहां इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है।

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