योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस), राँची ने अपने संस्थापक, श्री श्री परमहंस योगानन्दजी का 132वां जन्मोत्सव मनाया। उत्सव प्रातः विशेष सामूहिक ध्यान और स्वामी श्रद्धानन्द गिरि द्वारा दिए गए “परमहंस योगानन्दजी का विश्व परिवर्तक मिशन” पर प्रवचन के साथ आरम्भ हुआ, तत्पश्चात शिव मंदिर में ब्रह्मचारी शांभवानन्द और कैवल्यानन्द द्वारा आनंदपूर्ण भजन-गान के साथ, गुरु पूजन और यज्ञ का आयोजन किया गया। दिन का मुख्य आकर्षण था भक्तों और राँची शहर तथा आसपास के गाँवों के लोगों के लिए आयोजित भंडारा। शाम को विशेष ध्यान के साथ समारोह का समापन हुआ।
योगानन्दजी द्वारा स्थापित यह आध्यात्मिक संस्था, हर साल ध्यान, कीर्तन, और भंडारे के साथ उनके जन्मोत्सव को मनाती है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भंडारे ने स्थानीय लोगों और अन्य आगंतुकों को अत्यंत आकर्षित किया और जिन्हें भी मौखिक रूप से इसके बारे में पता चला, उन सभी ने बड़े पैमाने पर भाग लिया। यह आयोजन दोपहर 12 बजे शुरू हुआ और देर अपराह्न तक चलता रहा। आश्रम के गेट पर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं, और आश्रम के विशाल मैदान में वाईएसएस के सैकड़ों भक्तों ने, अतिथियों को उत्साहपूर्वक खिचड़ी, चटनी, और लड्डू का प्रसाद परोसा। लगभग 11000 व्यक्तियों को इस भंडारा के माध्यम से गुरु प्रसाद परोसा गया।
3 जनवरी को, गुरुदेव के सम्मान में, आश्रम ने सेवा गतिविधियाँ भी आयोजित की, जिसमे रांची के कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के लिए कॉलोनी में गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराया गया और 10 जनवरी को उसी कॉलोनी में कंबल भी वितरित किए जाएंगे।
परमहंस योगानन्दजी ने 1917 में वाईएसएस की स्थापना भारत और पड़ोसी देशों में, क्रिया योग - एक पवित्र आध्यात्मिक विज्ञान जिसका उद्भव सहस्राब्दियों पूर्व भारत में हुआ था, की सार्वभौमिक शिक्षाओं को उपलब्ध कराने हेतु की थी। अधिक जानकारी: yssi.org