भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (पूर्व में, भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान ) नामकुम, रांची द्वारा दिनांक 20-21 फरवरी, 2025 को किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी 2025 का आयोजन संस्थान परिसर में किया जा रहा है। 

आयोजन का उद्घाटन 20 फरवरी, 2025 को दोपहर 12:00 बजे झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर माननीया कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। साथ ही इस क्षेत्र के माननीय विधायक श्री राजेश कच्छप (खिजरी, झारखंड) भी इस कार्यक्रम को सुशोभित करेंगे ।

मेला व प्रदर्शनी के दोनों दिन 1500-2000 किसान भाग लेंगे, जबकि भाकृअनुप, कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs) और राज्य कृषि विभागों से लगभग 60 अधिकारी एवं विशेषज्ञ इस आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। 

प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी इस आयोजन के दौरान, 60 विशेषज्ञ एवं अधिकारी विभिन्न तकनीकों, उत्पादों और नवाचारों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित है : नई कृषि तकनीकों एवं उत्पादों का प्रदर्शन, जो किसानों की उपज और कृषि आय बढ़ाने में सहायक होंगे। 

संस्थान द्वारा विकसित मूल्यवर्धित उत्पादों की प्रदर्शनी, जिससे निर्यात और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कृषि उपोत्पादों से विकसित उच्च मूल्य वाले अणु, जो ग्रामीण औद्योगीकरण को गति प्रदान करेंगे। 

इसके साथ ही दोनों दिन किसान गोष्ठी (तकनीकी सत्र) आयोजित की जाएगी जिसमें विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए जाएंगे: वैज्ञानिक लाख खेती (Scientific Lac Cultivation) – लाख उत्पादन की उन्नत विधियाँ और बाजार संभावनाएँ। मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) – मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकें और शहद उत्पादन बढ़ाने के उपाय। लाख-आधारित मिश्रित फसल प्रणाली (Lac Integrated Cropping System) – लाख उत्पादन के साथ अन्य फसलों को शामिल कर अधिक लाभ कमाने की विधियाँ। कृषि यंत्रीकरण (Farm Mechanisation) – कृषि में नई मशीनों और उपकरणों का उपयोग। पशुपालन (Animal Husbandry) – पशुपालन की उन्नत तकनीकें, पशु स्वास्थ्य और दुग्ध उत्पादन वृद्धि। मशरूम उत्पादन (Mushroom Cultivation) – मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधियाँ और व्यावसायिक संभावनाएँ।

इन सत्रों में विशेषज्ञ किसानों को नई तकनीकों से अवगत कराएंगे, जिससे उन्हें आधुनिक कृषि और उद्यमिता में नए अवसर प्राप्त होंगे। संस्थान का लक्ष्य और प्रमुख पहल भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान का उद्देश्य आयात प्रतिस्थापन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि उपोत्पादों से उच्च मूल्य वाले अणुओं का विकास करना तथा ग्रामीण औद्योगीकरण को गति देना है। 

अगले 25 वर्षों में इसे विश्व के अग्रणी कृषि अनुसंधान संस्थानों में शामिल करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख प्रयास किए जा रहे हैं: लाख को राष्ट्रीय स्तर पर कृषि उपज का दर्जा दिलाना – लाख उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए इसे कृषि उपज के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास जारी हैं। 

चक्रीय कृषि को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षण एवं कौशल विकास – टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए एक अत्याधुनिक आवासीय प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी। गुणवत्ता नियंत्रण और परीक्षण सुविधाओं का विस्तार – लाख एवं अन्य कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और निर्यात को बढ़ावा देने हेतु व्यावसायिक परीक्षण एवं खाद्य पदार्थों के परीक्षण के लिए एक रेफरल प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। 

संस्थान चक्रीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए नवाचार, अनुसंधान और प्रभावी नीतियों के विकास पर कार्य कर रहा है। यह प्रयास राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि की स्थिरता, उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक होगा। 

समापन समारोह समापन समारोह 21 फरवरी, 2025 को दोपहर 12:30 बजे आयोजित होगा, जिसमें पद्मश्री अशोक भगत, सचिव, विकास भारती, बिशुनपुर, गुमला मुख्य अतिथि होंगे। डॉ. अमित पांडे, निदेशक, आईसीएफआरई-वन उत्पादकता संस्थान, रांची, एवं डॉ. एन. बी. चौधरी, निदेशक, सीएसबी-केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची, विशिष्ट अतिथि होंगे। 

संस्थान के निदेशक, डॉ. अभिजीत कर ने सभी किसानों, कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों एवं नीति- निर्माताओं को इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित किया है। 

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