*झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे (IISER Pune) के साझा प्रयास से पूरा हुआ प्रथम फेज का प्रशिक्षण* 

*STEM के तकनीकों एवं नवीनतम शैक्षणिक उपकरणों का उपयोग कर विद्यार्थियों में गणित एवं विज्ञान की अभिरुचि विकसित करने का प्रयास

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे (IISER Pune) के सांझा प्रयास से STEM के तकनीकों एवं नवीनतम शैक्षणिक उपकरणों का उपयोग कर विद्यार्थियों में गणित एवं विज्ञान की अभिरुचि विकसित करने के उद्देश्य से राज्य के विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को iRISE (Inspiring India In Research Innovation In STEM Education) कार्यक्रम के अन्तर्गत तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के प्रथम चरण का आयोजन जनवरी और फरवरी माह में किया गया । 

यह प्रशिक्षण राज्य के 15 जिलों के शिक्षकों को चरणबद्ध तरीके से दिया गया। iRISE कार्यक्रम के चार स्ट्रैंड्स हैं और उनमें से एक टीचर डेवलपमेंट स्ट्रैंड (TDS) है, जिसके अन्तर्गत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

इस परियोजना को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार), रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, ब्रिटिश काउंसिल, टाटा ट्रस्ट और टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है । iRISE कार्यक्रम के प्रथम चरण में राज्य के चतरा, पलामू, गिरिडीह, हजारीबाग,पांकुड, जामताड़ा, सरायकेला, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, देवघर, पूर्वी सिंघभूम और पश्चिमी सिंघभूम के शिक्षकों को 3 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया। 

प्रथम चरण के प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित शिक्षकों का चयन उनके कक्षा में की गयी गतिविधियों के आधार पर किया जाएगा। यह शिक्षक दूसरे चरण का दस दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे में प्राप्त करेंगे। 10 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को इनोवेशन चैंपियन (IC) के नाम से जाना जाएगा। 

दूसरे चरण के प्रशिक्षण के बाद तीसरा चरण शुरू होगा जिसमे सभी इनोवेशन चैंपियंस (ICs) IISER Pune की मदद से अपने संबन्धित जिले में कैसकेड कार्यशाला का आयोजन करेंगे । प्रथम चरण के कार्यशाला में शिक्षकों को राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक सह झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद निदेशक श्री शशी रंजन और गुणवत्त शिक्षा के राज्य पदाधिकारी डॉ. अविनव कुमार का भी मार्गदर्शन मिला। 

इस कार्यशाला में iRISE IISER पुणे से राज्य समन्वयक श्रीमती शिवानी पुलसे, महोम्मद तकि, श्रीमती प्रज्ञा पुजारी, श्रीमती श्रद्धा भुरकुंडे, श्री अक्षय कुलकर्णी,श्री सुजीत गोंडा, श्रीमती वैष्णवी कुलकर्णी, श्री भरत थोबर, श्रीमती कोमल गायकवाड़, श्रीमती शुभांगी बाघ, श्रीमती पल्लवी शेवाले, श्रीमती नजिला उपस्थित थे। *शिक्षकों और छात्रों में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ाना है उद्देश्य* उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों में आलोचनात्मक सोच और प्रयोगात्मक मानसिकता को प्रोत्साहित कर नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ाना है। 

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा स्कूलों में बनाये गए इंटीग्रेटेड लैब/ विज्ञान प्रयोगशाला/STEM लैब्स में अधिष्ठापित मॉडल्स, गतिविधियों से शिक्षकों को अवगत कराना और उसे करके दिखाना है। राज्य के विद्यार्थियों का इंस्पायर अवार्ड्स – मानक में भी ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराना है, जो देश के बच्चों को नवाचार में बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की एक योजना है। प्रशिक्षण में रटने की जगह समझने की प्रवृति को प्राथमिकता दी गई है । 

बच्चों को आस -पास के परिवेश से जोड़ने के साथ दैनिक जीवन की घटनाओं का उदाहरण देकर विज्ञान और गणित की शिक्षा देने की बात कही गई है। पूछताछ और गतिविधि-आधारित तथा विज्ञान एवं गणित को अन्तर्विषयक (Interdisciplinary) बना कर बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। महाराष्ट्र बिहार, उत्तराखंड में iRISE कार्यक्रम की सफलता के बाद झारखंड चौथा राज्य है जहां इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है।

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