झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्य में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान (FLN) को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण' का शुभारंभ किया है। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रारंभिक कक्षाओं में विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार लाना है। 

झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक श्री शशि रंजन ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों-सह-अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है। आज इस संबंध में सभी जिलों के सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के साथ गुणवत्त शिक्षा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अविनव कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी।

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. अविनव कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान (FLN) को विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में रेखांकित किया गया है। यह माना गया है कि कक्षा 1 एवं 2 के विद्यार्थियों में FLN से संबंधित अपेक्षित अधिगम प्रतिफल प्राप्त होने पर वे उच्च स्तरीय कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए, निपुण भारत अभियान के तहत किए गए पिछले प्रयासों के साथ साथ, बुनियादी कक्षाओं में विद्यार्थियों के वर्तमान अधिगम प्रतिफल में वृद्धि के लिए 'मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण' अभियान की रणनीति तैयार की गई है।

*इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य हैं*

* विद्यालयों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान के विभिन्न घटकों पर व्यवस्थित रूप से कार्य करना।

* विद्यार्थियों के सीखने में योगदान देने वाले निपुण भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित महत्वपूर्ण दक्षताओं पर विद्यालयों का मूल्यांकन करना।

* निपुण भारत दस्तावेज में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान के लिए दिए गए कक्षावार लक्ष्यों के संबंध में विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में वृद्धि की स्थिति का मूल्यांकन करना।

* उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों और विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करना।

* शैक्षणिक और प्रशासनिक योजना बनाने के लिए आंकड़े एकत्रित करना।

* विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों को प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान करना।

*कार्यक्रम के अंतर्गत 'मेरा विद्यालय निपुण' और 'मैं भी निपुण' के लिए है दो प्रमुख घटक*

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*मेरा विद्यालय निपुण:* प्रत्येक विद्यालय का निर्धारित मापदंडों के अनुसार मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रिंट समृद्ध कक्षा-कक्ष, शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग, शिक्षकों की निपुण लक्ष्यों के प्रति जागरूकता, समय निर्धारण, बाल साहित्य का उपयोग, कक्षा संचालन प्रक्रिया एवं विद्यार्थियों का आकलन, प्रधानाध्यापक की भागीदारी, सामुदायिक भागीदारी और विद्यार्थियों के अधिगम परिणाम जैसे 13 संकेतक शामिल हैं। 

विद्यालयों को 'मेरा विद्यालय निपुण' घोषित होने के लिए कुल 13 संकेतकों में 75% अंक की न्यूनतम सीमा प्राप्त करनी होगी। प्रत्येक संकेतकों के तीन स्तर होंगे। जो विद्यालय 'मेरा विद्यालय निपुण' श्रेणी में घोषित होंगे, उन विद्यालयों के FLN श्रेणी के शिक्षकों को डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन चैलेंज के लिए चयनित किया जाएगा तथा डिजिटल सर्टिफिकेट भी मिलेगा। विद्यालयों को प्राप्त प्रतिशत के आधार पर स्वर्ण, रजत और कांस्य श्रेणी के लिए चयनित किया जाएगा।

*मैं भी निपुण:* कक्षा 2 और 3 के बच्चों का बुनियादी साक्षरता (हिंदी और अंग्रेजी) और संख्यात्मकता पर मूल्यांकन किया जाएगा। प्रत्येक विद्यार्थी को निपुण घोषित होने के लिए प्रत्येक विषय में 75% न्यूनतम अंक प्राप्त करने होंगे। जिन विद्यार्थियों को 75% से ऊपर अंक मिलेंगे, वे सीधे एफएलएन चैंपियनशिप के लिए विद्यालय स्तर पर चयनित हो जाएंगे और उन्हें 'मै भी निपुण' प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

जो विद्यालय निर्धारित स्कोर प्राप्त करेंगे, उन्हें 'मेरा विद्यालय निपुण' घोषित किया जाएगा। इसी तरह, कक्षावार और विषयवार मूल्यांकन में निर्धारित स्कोर प्राप्त करने वाले बच्चे 'मैं भी निपुण' श्रेणी में शामिल होंगे। मूल्यांकन में कक्षा 3 के बच्चों का मूल्यांकन कक्षा 2 के समतुल्य और कक्षा 2 के बच्चों का मूल्यांकन कक्षा 1 के समतुल्य किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

*क्रियान्वयन समयरेखा और लक्ष्य*

मूल्यांकन प्रक्रिया में मुख्य संसाधन व्यक्ति (KRPs), मास्टर प्रशिक्षक (MTs) शामिल होंगे। प्रथम चरण में 1056 विद्यालयों का मूल्यांकन किया जाएगा। मास्टर प्रशिक्षकों के विद्यालयों एवं विद्यार्थियों का मूल्यांकन दिनांक 21-26 जुलाई, 2025 तक किया जाएगा। इसके बाद अगस्त से दिसंबर 2025 तक चयनित मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा अपने-अपने जिलों/प्रखंडों के विद्यालय एवं विद्यार्थियों का मूल्यांकन-सह-प्रमाणीकरण का कार्य किया जाएगा।

दिसंबर 2025 तक, इस कार्यक्रम के तहत 35,000 विद्यालयों और लगभग 08 लाख विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे विद्यालयों को 'निपुण विद्यालय' और विद्यार्थियों को 'मैं भी निपुण' के अंतर्गत आच्छादित किया जा सके। यह मूल्यांकन शुरू में दो शिक्षकीय विद्यालयों से शुरू होगा, जबकि एकल शिक्षकीय विद्यालयों का मूल्यांकन बाद में किया जाएगा ताकि उन्हें तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

मूल्यांकन ऑनलाइन ऐप के माध्यम से किया जाएगा, और मास्टर प्रशिक्षकों को अपने विद्यालयों के टैब या स्वयं के मोबाइल का उपयोग करना होगा। मासिक डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग जिला स्तर पर की जाएगी।

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