रांची: नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल), रांची के सभागार में करम पर्व के पूर्व संध्या पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम का संयोजन सेंटर फॉर स्टडी एंड रिसर्च इन ट्राइबल राइट्स (CSRTR) द्वारा किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका रानी टुटी (उप निदेशक,पद्मश्री डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण एवं अनुसंधान संस्थान) रहीं। कार्यक्रम की शुरुआतमें मुख्य अतिथि का स्वागत पारंपरिक तौर तरीके से किया गया।
मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका रानी टुटी , कुलपति महोदय प्रो डॉ अशोक आर पाटिल, असिस्टेंट रजिस्ट्रार जिसू केतन पटनायक, सहायक प्रोफेसर श्री रामचंद्र उरांव द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। कुलपति महोदय द्वारा मुख्य अतिथि का अंगवस्त्र और प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए श्री रामचंद्र उरांव ने बताया कि इस त्योहार का मानव जीवन में बेहद महत्व है। यह त्योहार हमारी प्रकृति. जीवंत संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करता है।
 कुलपति प्रो ( डॉ ) अशोक आर पाटिल ने कहा, करम सिर्फ़ एक त्योहार नहीं है, यह एकता का जश्न है। हम हमारे विश्वविद्यालय में इस तरह के आयोजन से सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ें मज़बूत होती हैं।
इस मौके पर करम पर्व से संबधित संथाल समुदाय की मान्यताओं का नाट्य मंचन किया गया। इस भव्य आयोजन में जनजातीय संस्कृति और परंपरा की झलक दिखी। यहां उरांव, मुंडा, संथाल, हो और असुर जनजातियों के पहनावे और उनके रहन सहन की शैली भी प्रदर्शित की गई।
मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका रानी टुटी ने अपने संबोधन में करम पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा, मुझे अच्छा लगा कि मैं विश्वविद्यालय में इस जश्न का हिस्सा रही। मुझे ख़ुशी है कि छात्रों ने अपना जुड़ाव अपनी जड़ों से रखा है। हमारे यहाँ 32 जनजातीय हैं ,सभी के त्योहार और संस्कृति प्रकृति से जुड़े हैं। दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन बड़ा मुद्दा है लेकिन आदिवासी समुदाय अपनी शुरुआत से प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर रह रहे हैं। हमें इन त्योहारों से जो सीख मिलती है उसे जीवन में आत्मसात करना चाहिए। आदिवासी समाज संतुलन सीखाता है। मुझे उम्मीद है कि यहाँ के छात्र जहाँ रहेंगे वो अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे।
अंत में डॉ जिसु केतन पटनायक असिस्टेंट रजिस्ट्रार सह फैकल्टी संयोजक ने धन्यवाद ज्ञापन किया । उन्हें CSRTR केंद्र का संक्षिप्त परिचय दिया और भविष्य की रणनीति की चर्चा कि उन्होंने बताया भविष्य में सेंटर कई रिसर्च और क़ानून पर काम करेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक पाटिल ने श्रीमति मोनिका रानी टुटी से आग्रह किया कि भविष्य में विश्वविद्लाय ट्राइबल रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर काम करना चाहेगा। अपने संबोधन में मोनिका रानी टुटी ने कहा कि वह विश्वविद्लाय के साथ जुड़कर शोध और नवाचार पर काम करनी की इच्छा जताई।