•*रांची के दो सिनेमाघरों में 24 सितम्बर तक प्रदर्शित होगी फिल्म ‘चलो जीते हैं’*

•*17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे देश के लगभग 500 सिनेमाघरों में विशेष रूप से प्रदर्शित हो रही यह फिल्म*

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म “चलो जीते हैं” की विशेष पुनः-रिलीज़ का आयोजन झारखंड की राजधानी रांची में किया गया। राजधानी के दो प्रमुख सिनेमाघरों – पीवीआर न्युक्लियस मॉल और मिराज सिनेमा संध्या टावर में इस फिल्म का प्रदर्शन हो रहा है। फिल्म को देखने के लिए शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी और दर्शकों ने इसे प्रेरणादायी बताते हुए जमकर सराहना की।

यह फिल्म स्वामी विवेकानंद के इस दर्शन पर आधारित है – “बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।”

 

 

17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे देश के लगभग 500 सिनेमाघरों में यह फिल्म विशेष रूप से प्रदर्शित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीवन की एक बाल्यकालीन घटना से प्रेरित इस फिल्म की कहानी युवा नारू के इर्द-गिर्द घूमती है, जो स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित होकर अपनी छोटी सी दुनिया में बदलाव लाने की कोशिश करता है।

फिल्म “चलो जीते हैं” निस्वार्थ सेवा और त्याग का शाश्वत संदेश नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रभावी माध्यम बन रही है।
रांची के दर्शकों ने फिल्म पर अपनी प्रतिक्रियाएँ भी साझा कीं।

• विश्वविद्यालय की छात्रा काव्या मिश्रा ने कहा – “आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि असली जीवन सेवा और परोपकार में है। यह फिल्म हर युवा को देखनी चाहिए।”
• वहीं, व्यवसायी संदीप अग्रवाल ने कहा – “यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन का सबक है। निस्वार्थ भाव से जीना ही असली सफलता है।”

• शिक्षक अनिल कुमार ने कहा – “फिल्म ने हमें अपने बच्चों को संस्कार और सेवा का महत्व समझाने का सुंदर अवसर दिया है।”

 

दर्शकों का मानना है कि यह फिल्म समाज में सकारात्मक सोच और बदलाव लाने का सशक्त संदेश देती है। रांची के अलावा धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो में भी इस फिल्म को दिखाया जा रहा है।

लोगों के अंदर इस फिल्म को देखने के बाद देश के प्रति समर्पण का भाव उमड़ रहा है।

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