आदिवासी स्त्री लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए आज रांची में एक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देने की घोषणा की गई। यह घोषणा प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की अध्यक्ष ग्लोरिया सोरेंग और आदिवासी साहित्यकार वंदना टेटे ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की है। इसके अनुसार भारत की किसी भी आदिवासी लेखिका की हिंदी में प्रकाशित पुस्तक को 25 हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। यह साहित्यिक सम्मान सुप्रसिद्ध शिक्षाविद्, साहित्यकार, झारखंड आंदोलनकारी और अगुआ रोज केरकेट्टा की स्मृति में स्थापित किया गया है।
विज्ञप्ति में ग्लोरिया सोरेंग ने जानकारी दी है कि यह सम्मान भारत की किसी भी एक आदिवासी लेखिका की हिंदी में प्रकाशित पुस्तक को दिया जाएगा। प्रकाशित कृति कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, लेख आदि किसी भी विधा में हो सकती है। लेखिका की उम्र 25 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस सम्मान के लिए वही पुस्तक भेजी जा सकती है जिनका प्रकाशन 9 अगस्त 2023 से 20 सितंबर 2025 के बीच हुआ है।
फाउंडेशन की सचिव वंदना टेटे के अनुसार इसके लिए लेखिका स्वयं आवेदन कर सकती हैं या कोई भी व्यक्ति किसी आदिवासी लेखिका की पुस्तक की अनुशंसा कर सकता है। आवेदन और अनुशंसा की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर 2025 है। पुरस्कार की घोषणा 10 नवंबर 2025 को की जाएगी और सम्मान समारोह रोज केरकेट्टा की 85वीं जयंती के अवसर पर 7 दिसंबर 2025 को रांची में आयोजित होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आवेदन और अनुशंसाएं केवल गूगल फॉर्म के माध्यम से स्वीकार की जाएंगी, साथ ही आवेदित या अनुशंसित पुस्तक की तीन प्रतियां 30 अक्टूबर 2025 तक भेजनी होंगी।
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट खड़िया डॉट ओआरजी पर विजिट किया जा सकता है।तक भेजनी होंगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट खड़िया डॉट ओआरजी पर विजिट किया जा सकता है।