Photo: IPRD

केंद्रीय कृषि विभाग के संयुक्त सचिव आतिश चंद्रा के नेतृत्व में राज्य में सूखा प्रभावित इलाके का स्थल निरीक्षण करने आई अंतर मंत्रिमंडलीय टीम का स्वागत करते हुए मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि प्रभावित किसान राहत के लिए काफी उम्मीद से आपकी राह देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम जांच के दौरान अपने अनुभव से उन पक्षों को भी हमारे सामने लाए, जो हमारे मेमोरेंडम में नहीं है, लेकिन जिसका उपचार आवश्यक हो। उन्होंने टीम से ऐसी सलाह देने का अनुरोध करते हुए सूखा प्रभावित किसानों के हित में सहयोग और मार्गदर्शन की अपेक्षा की। वहीं अधिकारियों ने केंद्रीय टीम को प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य में सुखाड़ की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि सूखा राहत के लिए कुल 818.938 करोड़ की केंद्रीय सहायता की जरूरत है। 

गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने केंद्रीय टीम को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 दिन देर से राज्य में आया। इसके कारण जून में 32.96 प्रतिशत कम बारिश हुई। इस कारण देर से और कम रोपनी हुई। वहीं अक्टूबर में वर्षापात काफी कम होने से खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा। इससे राज्य के 18 जिलों के 129 प्रखंड बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के 17 सालों में राज्य 10 बार सुखाड़ की चपेट में आ चुका है। सबसे खराब स्थिति 2015 में हुई थी। कम वर्षापात के कारण पेयजल समस्या को देखते हुए तत्काल पेयजल व्यवस्था के लिए एक सौ करोड़ रुपये तथा अन्य राहत कार्यों के लिए प्रति प्रभावित जिला एक-एक करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं। 

कृषि सचिव पूजा सिंघल ने केंद्रीय टीम को बताया कि सबसे खराब स्थिति कोडरमा, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, पाकुड़, गोड्डा और दुमका जिले की है। उन्होंने कहा कि 18 जिलों के 129 प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित करने के दौरान सूखा मैन्युअल 2016 की सभी प्रक्रिया को अपनाया गया है। स्थल सत्यापन के दौरान सूखा प्रभावित घोषित 129 में से 93 प्रखंड बुरी तरह प्रभावित और 36 मध्यम प्रभावित मिले हैं। उन्होंने बताया कि फौरी तौर पर सूखा प्रभावित जिलों में राहत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 818.938 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता से किसानों को सहायता, अनुदान, पशु कैंपों में चारा, दवाई और पानी की व्यवस्था तथा फिस सीड फार्म को अनुदान दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त इस राशि से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं जल संसाधन विभाग के द्वारा भी किसान हित में कार्य होंगे। इस दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति सचिव अमिताभ कौशल, ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार, नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह आदि ने भी केंद्रीय टीम को अपने विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। 

केंद्रीय टीम स्थल जांच के लिए रवाना

केंद्रीय टीम तीन समूहों में बंटकर स्थल निरीक्षण के लिए पलामू, गढ़वा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, कोडरमा और गिरिडीह के लिए रवाना हो गई। केंद्रीय कृषि विभाग के संयुक्त सचिव आतिश चंद्रा ने कहा कि टीम स्थल जांच के बाद अपने आकलन के अनुसार रिपोर्ट देगी कि कितनी वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टीम निरीक्षण के दौरान किसानों तथा वहां के जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करेगी। स्थल निरीक्षण के बाद 9 दिसंबर को रांची लौट कर केंद्रीय टीम अपने आकलन और अनुभव को राज्य के अधिकारियों के साथ साझा करेगी।
 

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