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झारखण्ड में नई सिंचाई योजनाओं पर शीघ्र कार्य आरम्भ होगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहल पर जल संसाधन सचिव के के सोन ने केन्द्र सरकार को 10 नई वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में केन्द्रीय सहायता के लिए प्रस्ताव भेजा है। मुख्यमंत्री ने 18 दिसम्बर 2017 को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितीन गड़करी से मुलाकात कर झारखण्ड की सिंचाई परियोजनाओं के विकास एवं कार्यान्वयन पर केन्द्रीय सहायता की मांग की थी। केन्द्रीय मंत्री ने इस संबंध में प्रस्ताव की मांग की थी। राज्य सरकार द्वारा भेजे जाने वाले 10 नई सिंचाई परियोजनाओं में देवघर जिला के बुढ़ई जलाशय योजना, गढ़वा जिला के सोन एवं कनहर पाईपलाईन योजना, सरायकेला के दुगनी बैरेज योजना, कोडरमा का तिलैया सिंचाई योजना, गढ़वा के डोमनी नाला बैरेज एवं कनहर बैरेज, पलामू जिला के सोन पाईपलाईन योजना, गोड्डा जिला के तरडीहा बैरेज योजना एवं सैदपुर बांध तथा रांची जिला के राढू जलाशय योजना सम्मिलित है। 

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्य की वर्तमान सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन तथा नई सिंचाई परियोजनाओं के  द्वारा कृषि भूमि के सिंचाई को अहम प्राथमिकता दी जाएगी। पिछले तीन वर्षों में 1307 चेक डैम, 36 बांध एवं 34 उद्वह सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य की स्वीकृति लगभग 950 करोड़ की लागत से दी गई है। उन्होंने कहा कि 602 चेक डैम का कार्य पूरा कर लिया गया है। गांवों के सम्पूर्ण विकास के तहत डोभा का निर्माण तथा आहर एवं तालाबों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार के पीछे भी जल संचय एवं सिंचाई सुविधा के विस्तार का उद्देश्य निहित है। 134 आहर मध्यम सिंचाई योजना एवं तालाब जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया है। साथ ही 100 कि मी नहर में पटवन हेतु जल उपलब्ध हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 नई सिंचाई परियोजनाओं पर केन्द्र की सहायता संबंधी स्वीकृति प्राप्त होते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों को आर्थिक मजबूती देने के लिए तथा कृषि के समग्र विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है।           
 

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