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मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहल पर रेलवे ने जारी किया निर्देश; संथाल परगना और पूर्वी सिंहभूम जिलों में रेलवे स्टेशनों पर संथाली भाषा में होगी उद्घोषणा |
27 फरवरी को मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखा था पत्र; मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया |
मुख्यमंत्री ने संथाल परगना के सभी 6 जिलों सहित पूर्वी सिंहभूम जिला के रेलवे स्टेशनों पर संथाली भाषा की ओलचिकी लिपि में सूचनाएं प्रेषित करने का किया था अनुरोध |
रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली के निदेशक हरीश पावरिया ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पत्र का संदर्भ लेते हुए यह निर्देश जारी किया है कि संथालपरगना क्षेत्र के सभी 6 जिलों एवं कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम जिला के अंतर्गत पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों पर आम सूचना की उद्घोषणा हिंदी के साथ संथाली भाषा में भी किया जाय।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को 27 फरवरी को पत्र के माध्यम से राज्य के संथालपरगना क्षेत्र के सभी 6 जिलों एवं कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम जिला के अंतर्गत पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों पर आम सूचना की उद्घोषणा हिंदी के साथ संथाली भाषा में भी किए जाने तथा सूचना पट्ट पर ओलचिकी लिपि में भी रेलवे स्टेशन का नाम सहित अन्य आम सूचना प्रदर्शित करने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा था कि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में संथाली भाषा को संविधान की अष्टम सूची में सम्मिलित किया गया है |
यह भी ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखंड के संथालपरगना क्षेत्र के सभी छह जिला दुमका, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा एवं साहिबगंज तथा कोल्हान क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम जिला में संथाल जनजाति समुदाय की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए इन जिलों में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों/ विद्यालयों के नाम संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी में भी लिखे जाने का निर्देश दिया है, ताकि संथाली भाषा-भाषी जनता को कठिनाई नही हो और वे भी सुगमता से कार्यालयों/ विद्यालयों की पहचान कर सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल संथाली भाषा-भाषी जनता को सुगमता से सूचना ग्राह्य होगी बल्कि, उनमें अपनी भाषा के प्रति गौरव का भी बोध होगा.