*Image credit IPRD, Jharkhand

माननीया  राज्यपाल  द्रौपदी  मुर्मू ने आज स्व॰ शरत चंद्र राॅय की प्रसिद्ध कृति ’’द मुंडाज एंड देयर कंट्री’’ का राज सहाय द्वारा हिंदी अनुवादित पुस्तक ’’आदिम मुंडा और उनका प्रदेष’’ का विमोचन किया ।

माननीया राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि झारखण्ड के आदिवासियों की सभ्यता एवं  संस्कृति अति प्राचीन है। स्व॰ शरत चंद्र राॅय ने आदिवासी समाज के बीच जाकर उनकी जीवन षैली परम्पराओं और संस्कृति का अध्ययन कर ’’द मुंडाज एंड देयर कंट्री’’ की रचना की जो केवल अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध थी एवं इसका हिंदी अनुवाद अब तक उपलब्ध नहीं था। सहाय ने उस कमी को दूर किया। इस पुस्तक के अध्ययन से लोग मुण्डा संस्क ृति को और बेहतर तरीके से जान सकेंगें। विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्रों को इस पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। आदिवासी समाज में दहेज नहीं होता है लड़के लड़कियों में कोई भेद-भाव नहीं होता है। वे सीधे और सरल होते है। आज का सभ्य समाज उनसे बहुत -कुछ सीख सकता है। मुझे गर्व है कि मैं इसी समाज से आती हूँ।

इस अवसर पर उपस्थित पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि स्व॰ शरत चन्द्र राॅय ने उराँव, विरहोर, खड़िया, भुइयांयों पर भी प्रसिद्ध पुस्तकों की रचना की थी। मैं अमर मानवषास्त्री स्व॰ राॅय को श्रद्धांजलि देता हूँ जिसके माध्यम से हमें आज इतनी जानकारी मिल रही है। हिन्दी हमारी मातृभाषा एवं राष्ट्रभाषा है। अपनी भाषा में ऐसी अमर कृतियों का उपलब्ध होना एक अच्छा अनुभव है। पुस्तक का प्रकाषन समाजसेवी संस्था आदिवासी वेलफेयर सोसाइटी, जमषेदपुर के द्वारा किया गया है।

 इस अवसर पर राज सहाय ने कहा कि पुस्तक का हिन्दी संस्करण अंग्रेजी के बनिस्पत बहुत अधिक संख्या में आम पाठकों विषेषकर जनजातीय समुदाय के लोगों के बीच अपनी पहुँच सुनिष्चित करेगा। झारखण्ड के समाज की बड़ी संख्या अपने गौरवषाली इतिहास से लाभाविन्त हो सकेगी। सहाय ने बताया कि स्व॰ राॅय ने ’’द मुंडाज एंड देयर कंट्री’’  सन् 1912 में प्रकाषित की थी। स्व॰ राॅय पेषे से वकील थे, उन्होंने आदिवासियों के साथ ज्यादितियों एवं न्यायालयों में पक्षपातपूर्ण फैसलों से आहत होकर आदिवासी समाज पर गहन अध्ययन कर इस कृति की रचना की थी।

इस अवसर पर झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष प्रो॰ दिनेष उराँव, माननीया षिक्षा मंत्री, नीरा यादव, कल्याण मंत्री लुईस मराण्डी, पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुन मुण्डा, विधायिका गंगोत्री कुजूर, पूर्व न्यायाधीष उच्च न्यायालय, झारखण्ड जया राॅय, प्रधान सचिव एस॰ के ष्षतपथी, ष्षैक्षणिक सलाहकार आनंद भूषण, राँची विष्वविद्यालय के कुलपति रमेष कुमार पाण्डेय, पद्मश्री अषोक भगत एवं अन्य उपस्थित थें।
 

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