सरकार ने तय किया है कि जनता अपने कामों के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं काटेगी, बल्कि अधिकारी खुद उनके पास जाकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और मौके पर उसका समाधान भी करेंगे। मुख्यमंत्री के निदेश के आलोक में इस आशय का निर्देश मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने सभी उपायुक्तों को दिया है।

उन्होंने कहा है कि जो कार्य मौके पर नहीं निपटाए जा सकते, उसके लिए एक तय समय के भीतर समाधान देकर संबंधित व्यक्ति को उनके फोन नंबर पर सूचित करें। यह सब होगा सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत। इसके तहत सभी उपायुक्त प्रत्येक बुधवार को तथा उप विकास आयुक्त प्रत्येक शनिवार को प्रखंड या पंचायत मुख्यालय जाएंगे। कब और कहां जाएंगे, इसकी सूचना विभिन्न संचार माध्यमों से उस क्षेत्र विशेष के लोगों तक समय रहते पहुंचाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का लाभ उठा सकें।

कार्यक्रम में डीसी और डीडीसी के साथ जिले के तमाम विभागों के संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। समस्या समाधान के अलावा अधिकारी लोगों को सरकार की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी भी देंगे और यह भी बताएंगे कि उसका लाभ वे कैसे ले पाएंगे। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में आला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के तमाम उपायुक्तों से मुखातिब थे।

सरकार का फोकस जनहितकारी योजनाओं पर

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का फोकस वैसी जनहितकारी योजनाओं पर है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अन्य समस्याओं के साथ पेंशन, राशन, आंगनबाड़ी सेविकाओं, पारा शिक्षकों और संविदा पर कार्यरत लोगों के ससमय वेतन भुगतान आदि पर फोकस रखने का निर्देश दिया। सभी उपायुक्तों ने बताया कि उनके जिले में इस तरह का कार्य फिलहाल लंबित नहीं है। कुछ लोग पेंशन और राशन के तलबगार जरूर हैं, लेकिन उन्हें भी इसकी सुविधा देने की प्रक्रिया जारी है। 

मुख्य सचिव ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में किए गए समस्या समाधान की मासिक रिपोर्ट भी देने को कहा है। वहीं कहा है कि अगर किसी कार्य में देरी हो रही है, तो उसके कारण की पड़ताल कर 
समाधान करें। उसके लिए नोडल विभाग योजना विभाग को बनाया गया है। मुख्य सचिव ने सभी जिलों के रोजगार कार्यालय को सक्रिय बनाने पर बल दिया। वहीं दाखिल-खारिज के मामलों को भी मौके पर निपटाने का निर्देश दिया।

विधि-व्यवस्था की सतत निगरानी करें उपायुक्त

मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को विधि-व्यवस्था की सतत निगरानी करने तथा इससे संबंधित गृह सचिव के पत्र के बिन्दुओं पर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने वर्तमान में कतिपय मामलों को लेकर हो रहे विरोध और समर्थन में प्रदर्शन और रैली आदि पर भी नजरें बनाए रखने पर बल दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि इसका विशेष ध्यान रखें कि आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हो। तमाम उपायुक्तों ने कतिपय मामलों को लेकर हो रहे विरोध और समर्थन में प्रदर्शन और रैली से विधि-व्यवस्था की समस्या नहीं होने की बात कही। वहीं खूंटी के उपायुक्त को पत्थलगड़ी मामले में दर्ज मामलों की वापसी को लेकर ग्राउंड वर्क कर लेने का निर्देश दिया, ताकि उसका परिणाम जल्द निकले। 

उपायुक्तों ने बताई समस्या, मौके पर हुआ समाधान

उपायुक्तों द्वारा धान अधिप्राप्ति में किसानों को देर से राशि मिलने की समस्या पर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया गया कि इसमें 15 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में विभागीय सचिव से संपर्क में रहने का निर्देश दिया। वहीं गढ़वा और पलामू में बिजली कम मिलने के कारणों की पड़ताल की गई और उपायुक्तों को ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में आ रही दिक्कतों की समीक्षा कर समाधान सुझाने का निर्देश दिया गया। गिरिडीह में बालू उठाव की समस्या पर भी संज्ञान लिया गया। रांची जिले के पांच कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन में हो रही देरी का समाधान निकाला गया और उसे जल्द शुरू करने को कहा गया। मुख्य सचिव ने जिले को मिलनेवाले विभिन्न कंपनियों के सामाजिक दायित्व फंड (सीएसआर) का आकलन करने का निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य की कंपनी राज्य के भीतर ही इस राशि का उपयोग करे।

बैठक में ये थे उपस्थित

राज्य के तमाम उपायुक्तों संग वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी के अलावा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के के खंडेलवाल, स्कूली शिक्षा के प्रधान सचिव श्री ए पी सिंह, राजस्व सचिव श्री के के सोन, खाद्य आपूर्ति सचिव श्री अमिताभ कौशल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
 

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