आकाशवाणी दरभंगा मे वर्षों तक निभाया रामकिसुन भाई का किरदार

आकाशवाणी दरभंगा मे 'रामकिशुन भाई' के किरदार को निभाने वाले अरुण कुमार झा का निधन शनिवार की देर रात हृदयाघात से हो गया। अभी हाल मे रिलीज हुए मैथिली सिनेमा मिथिला मखान मे उन्होने किशुन जी की भूमिका की थी, जिसकी काफी सराहना हुई थी।

रविवार को उनके निधन की खबर आने के बाद विद्यापति सेवा संस्थान ने शोक जताया। महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने शोक संदेश में उनके निधन को संपूर्ण मिथिला के लिए अपूर्णीय क्षति बताते कहा कि वे एक उत्कृष्ट रंगकर्मी होने के साथ-साथ बेहतर इंसान और कुशल अधिवक्ता भी थे। उनके निधन से रंग-कर्म एवं कानून की बारीकियों को संजीदगी से जीने वाला कलाकार हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गया।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि उनके निधन से मिथिला के कला जगत के विकास के लिए आजीवन समर्पित रहने वाला मजबूत किरदार हमसे छीन गया। सचिव प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि वे एक ऐसे अभिनेता थे, जिनके रग-रग से मिथिला की सभ्यता और संस्कृति के सोंधी माटी की खुशबू आती थी।

वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने आकाशवाणी दरभंगा मे अरुण कुमार झा के किए कार्यों की चर्चा करते कहा कि हालांकि उन्होंने अनेक धारावाहिक तथा नाटकों में काम किया लेकिन, धारावाहिक विद्यापति मे विद्यापति की निभाई केन्द्रीय भूमिका निभाने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि उन्होंने नेतरहाट विद्यालय से शिक्षित होकर कला की दुनिया को कैरियर के रूप मे अपनाया था। यही कारण था कि वे अपने हर किरदार में प्रयोगधर्मी अधिक नजर आये। उनके निधन से कला-जगत के 'अरुण' का असमय अस्त हो गया। 

महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा ने कि कला जगत का हितचिंतक होने के साथ-साथ बेबाकी से अपनी बात रखने वाले प्रखर वक्ता के रूप में हमेशा जीवंत बने रहेंगे। प्रो विजय कांत झा ने उन्हें जीवनभर ईमानदारी, सादगी और नैतिकता का पर्याय बने रहने वाला कलाकार बताया।

शोक संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, चौधरी बैद्यनाथ राय, डॉ उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी आदि शामिल हैं।

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