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चार दिवसीय छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू होगा. 18 नवंबर को नहाय-खाय और 19 नवंबर को खरना है. 20 नवंबर को पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को दूसरा अर्घ्य है. हालांकि, कोरोना (कोविड-19) महामारी की वजह से इस बार तालाबों और नदियों के किनारे छठ महापर्व का आयोजन नहीं किया जा सकेगा.
इसे लेकर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार रात दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं के लिए नदियों व तालाबों में केंद्र सरकार के निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग (दो गज दूरी) का पालन संभव नहीं है. ऐसे में लोगों को अपने घरों में ही इस बार छठ महापर्व का आयोजन करना होगा.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश स्पष्ट कहा गया है कि इस बार छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, लेक, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की मनाही होगी. छठ घाट के समीप कोई दुकान, स्टॉल आदि नहीं लगेगा. पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थल पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

घाट पर भीड़ और एक साथ स्नान से संक्रमण बढ़ने का खतरा : विभागीय अधिकारी के मुताबिक, छठ महापर्व के दौरान नदी, तालाब, डैम, लेक आदि में स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना संभव नहीं है. वहीं, दो गज दूरी का पालन भी नहीं हो पायेगा, क्योंकि इस पर्व में एक जगह पर एक से ज्यादा परिवार के लोग शामिल होते हैं.

वहीं, नदी व तालाब आदि के एक ही पानी में सैकड़ों भक्त भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए उतरते हैं. ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैैल सकता है. एेसे में बेहतर होगा कि लोग अपने घरों में ही यह महापर्व मनायें.

इस बार अधिकतर लोगों ने घर पर ही अर्घ्य देने की तैयारी की है. हालांकि पिछले वर्ष भी कई लोगों ने छतों पर अर्घ्य देने की व्यवस्था की थी.

अापदा प्रबंधन विभाग ने कहा :
महापर्व के दौरान एक ही जगह जमा होगी भारी भीड़, तो नहीं हो पायेगा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन 

मास्क लगाकर पानी में नहाना संभव नहीं, एक ही पानी में सैकड़ों लोगों के नहाने से फैल सकता है कोरोना का संक्रमण

नदियों-तालाबों के किनारे नहीं होगा कोई आयोजन

लोगों ने शुरू की महापर्व की तैयारी
इधर, दीपावली के दूसरे दिन से ही लोगों ने छठ महापर्व को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. लोग बाजार में पूजन सामग्री, सूप-दउरा और कपड़े आदि की खरीदारी करने बाजार पहुंचने लगे हैं. खास बात यह है कि श्रद्धालु भी कोरोना के संकट से वाकिफ हैं, इसलिए ज्यादातर छठ व्रती घर पर ही अर्घ्य देने की तैयारी में हैं. कोई बाजार से टब खरीदने की तैयारी में है, तो कई लोग ने घर पर ही पानी का हौदा बनवा रहे हैं.

बिहार में भी घाट पर रोक, पर तालाबों में पूजा की अनुमति
पटना. छठ महापर्व को लेकर बिहार सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. इसके तहत इस बार गंगा समेत राज्य की तमाम बड़ी नदियों के घाटों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं होगा. लेकिन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद तालाब में छठ पर्व करने की अनुमति दी गयी है. इस दौरान कोविड-19 से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पालन कराया जायेगा.

जिन तालाबों में छठ पर्व का आयोजन होगा, वहां अर्घ्य से पहले और बाद में पूरे तालाब क्षेत्र को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की जायेगी. यह काम नगर निकाय और ग्राम पंचायत के स्तर से कराया जायेगा. घाटों के आसपास किसी तरह के खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाये जायेंगे. घाट पर किसी तरह का भोज या प्रसाद का वितरण नहीं किया जायेगा.

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