मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में अवैध खनन रोकने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में हो रहे अवैध खनन पर रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। खान एवं भूतत्व विभाग राज्य के विभिन्न अवैध बालू घाटों और पहाड़-चट्टान इत्यादि जगहों पर अवैध पत्थर खनन सहित सभी अवैध माइनिंग पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करे।

 खान एवं भूतत्व विभाग, परिवहन विभाग तथा वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर अवैध खनन के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में खान एवं भूतत्व विभाग की समीक्षा बैठक में कही।

मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि परिवहन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर माइंस क्षेत्रों में चलने वाले ट्रकों का पेपर, चालान एवं परमिट जांच अवश्य करें। वैसे ट्रक जो कोयला अथवा अन्य भू-संपदा की चोरी कर ढुलाई करते हुए पकड़े जाते हैं, उन ट्रकों को थाने पर सड़ाएं नहीं बल्कि वैसे मामलों में पेनाल्टी का प्रावधान करें । 

थानों में अधिक दिनों तक ट्रकें खड़ी न रहें । राज्य के विभिन्न थानों में इस तरह के मामलों में जितने ट्रक पकड़े गए हैं, उनका निष्पादन आगामी मार्च महीने तक अवश्य कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि माइंस क्षेत्रों में चलने वाले ट्रक एक परमिट का बार-बार उपयोग नहीं कर सकें, इस पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि ऐसी सूचना है कि एक चालान पर कई बार ढुलाई की जाती है, इस पर भी रोक लगाई जाए। मुख्यमंत्री ने माइंस क्षेत्रों में मिनरल चेकपोस्ट बढ़ाने का भी निर्देश दिया है।

*राज्य में अवैध पत्थर खनन पर हर हाल में रोक लगे*

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कितने पहाड़ों अथवा चट्टानों पर अवैध पत्थर खनन किया जा रहा है, इसका डाटा तैयार करें। राज्य में अवैध पत्थर खनन पर हर हाल में लगाम लगे, यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को माइनिंग सर्विलांस सर्विस सिस्टम डेवलप करने का भी निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने नया माइनर मिनिरल पॉलिसी तैयार करने और उस पॉलिसी में एसटी, एससी एवं महिला समूहों को प्राथमिकता देने की बात कही है। उन्होंने वैध खनन से होने वाले राजस्व को बढ़ाने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया।

*डीएमएफटी फंड की उपयोगिता रिपोर्ट राज्य सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश*

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जिलों के उपायुक्त डीएमएफटी फंड का उपयोग किस प्रकार माइनिंग क्षेत्रों में किया जा रहा है, इसकी उपयोगिता रिपोर्ट राज्य के विकास आयुक्त को उपलब्ध कराएं। विकास आयुक्त अपने स्तर पर डीएमएफटी फंड की समीक्षा करें। इस निमित्त खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव जिलों के उपायुक्तों को अपनी ओर से निर्देशित करें। खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि के उपयोग का स्टेटस एवं डिटेल राज्य सरकार को उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफटी फंड को मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सड़क निर्माण इत्यादि के विकास कार्य पर खर्च किया जाना है।

 डीएमएफटी फंड का उपयोग पेयजल और स्वच्छता विभाग समन्वय स्थापित कर माइनिंग क्षेत्रों में अवस्थित गांव में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना पर फोकस करे। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्टेट जूलॉजिकल लैबोरेट्री को आधुनिक रूप से क्रियान्वित करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में डायमंड माइनिंग एवं गोल्ड माइनिंग ऑक्शन का रास्ता जल्द निकालने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने खान एवं भूतत्व विभाग की रिक्तियों की समीक्षा करते हुए खाली पदों पर रोस्टर क्लीयरेंस कर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

बैठक में खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव श्री के श्रीनिवास ने पिछले 3 वर्षों का रेवेन्यू टारगेट और कलेक्शन की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रहण में वृद्धि को लेकर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त श्री केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव श्री के श्रीनिवास, खान विभाग के निदेशक श्री शंकर सिन्हा, भूतत्व विभाग के निदेशक श्री विजय कुमार ओझा सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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