अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में अधिवक्ता परिषद, झारखण्ड व बिहार प्रदेशों के संयुक्त तत्वावधान में महिला अधिवक्ताओं का वेबिनार आयोजित किया गया जिसका विषय था " भारतीय महिलाओं की वैधानिक पृष्ठभूमि " ।

उक्त वेबिनार को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती सुमन चौहान ने कहा कि देश व प्रदेशों में महिलाओं के हित में अनेक कानून बनाए गए हैं,परन्तु उनके बारे में महिलाओं में जागृति लानी पड़ेगी,समाज को भ्रूण हत्या व दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों से लड़ने के लिये प्रेरित करना पड़ेगा । शादी का कार्ड स्वीकार करते वक्त दहेज लेने-देने के बारे में पूछना चाहिए, दहेज के बारे में पता चलने पर, उन परिवारों का बहिष्कार करना चाहिए । विवाह के वक्त आठवां फेरा भ्रूणहत्या नहीं करने के संकल्प का होना चाहिए ।

वेबिनार की मुख्य अतिथि राँची की महापौर आशा लकड़ा ने महिला अधिवक्ताओं का आह्वान करते हुए झांसी की रानी व अहिल्याबाई होल्कर आदि की जीवनी से प्रेरणा लेकर समाज व राष्ट्र के पुनर्निर्माण में पुरूषों के साथ चलकर समाज में ब्याप्त महिलाओं को असुरक्षा की भावना से दूर करना होगा, तभी महिला अधिवक्ता अबला से सबला हो पाएगी । उन्होंने स्व. सुषमा स्वराज को याद करते हुए उनके समान प्रखर वक्ता व अधिवक्ता बनने को कहा ।

समस्तीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता व कुटुम्ब प्रबोधन के उत्तर बिहार प्रान्त के सह संयोजक श्री मोतीलाल राय ने परिवारों के टूटने एवं बिखरने पर चिन्ता जताई और इससे बचने के महत्वपूर्ण सूझाव भी दिये ।

विषय प्रवेश पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती अर्चना सिंह ने कहा कि महिलाएं आज देश के हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं,इसे और संबल प्रधान करना जरूरी है, इन्हें जागरूक बनाकर समाज की कुरीतियों को समाप्त करना होगा ।

कार्यक्रम का आरंभ श्रीमती माला सिन्हा के राष्ट्रीय गीत के गायन से हुआ । संचालन झारखण्ड उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती विभा बख्शी एवं धन्यवाद ज्ञापन झारखण्ड उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती नीता कृष्णा ने किया वहीं एकल गीत श्री प्रबीर पुरैयार ने प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का समापन परिषद के क्षेत्रीय संगठन सचिव श्री सुनील कुमार के संबोधन करने के साथ-साथ शान्तिमन्त्र के पाठ से हुआ ।

वेबिनार में बिहार - झारखण्ड प्रान्तों के अध्यक्ष सर्वश्री बिनोद कुमार व राजेन्द्र मिश्र,महामंत्री श्री संजीव कुमार व प्रशान्त विद्यार्थी सहित श्रीमती महामाया राय, मालती देवी,आरती रानी, शोभा कुमारी,कृष्णा कुमारी,रूबी कुमारी,प्रतिभा कुमारी,आकृति शर्मा,आशा दास,लीना मुखर्जी,रेनु कुमारी डे, प्रीति सिन्हा ,रेणुका कुमारी,शिखा घोष ,रीति सिन्हा,निशा कुमारी,रेखा घोष,निकी सिन्हा,सुनीता साहनी समेत 70 से अधिक अधिवक्तागण शामिल हुए ।

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