लोकतंत्र की यही तो अनूठी पहचान है. मनरेगा मजदूर आज राज्य की सबसे बडी़ पंचायत में क्षेत्रवासियों का प्रतिनिधित्व करेंगी. यह हमारी आपकी वोटों की ताकत है. भारतीय लोकतंत्र का खूबसूरत पहलू ये भी है कि मजदूरी करने वाली महिला चंदना चुनाव जीत गयीं और पूंजीपति जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया चुनाव हार जाती हैं.

एक झोपड़ी, 3 गाय और 3 बकरी मिलाकर चंदना बाउरी की कुल सम्पत्ति 32 हज़ार है. भाजपा के टिकट पर बंगाल के साल्टोरा सीट से माननीय विधायक बनी हैं. वहीं भाजपा के ही टिकट पर पूर्व आईसीसी, बीसीसीआई चीफ की करोड़पति पुत्री पूर्व विधायक वैशाली चुनाव हार गयीं.

Akhil Gagoi ( ऐक्टिविस्ट)हैं और लंबे समय से जेल में हैं सरकार ने काले-क़ानून UAPA के तहत लंबे अरसे से उन्हें जेल में बंद कर रखा हैं.
इन्होंने असम में सिबसागर सीट पर चुनाव लड़ा है. भाजपा के Opposition में और वहां की जनता ने उन्हें जेल में रहते हुए भी अपना प्रतिनिधि चुना व विधानसभा भेजा है. वो CAA-NRC के Against आंदोलन में थे. उन्होंने कहा कि यह सड़कों के आंदोलन की जीत है, यह मेरे जीवन का पहला लम्हा है.

must read